महाराष्ट्र राज्य के मराठवाडा क्षेत्र के अंतर्गत हिंगोली जिले में स्थित एक छोटा सा गाँव है।
औंधा नागनाथ – पहला ज्योतिर्लिंग
औंधा नागनाथ न सिर्फ भारत के बारह प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है, बल्कि यह सबसे प्रथम ज्योतिर्लिंग है। यह महाराष्ट्र में स्थित पाँच ज्योतिर्लिंगों में से एक है।ऐसा विश्वास है कि जब पांडवों को चौदह वर्ष का निष्कासन मिला तब पांडवों के सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर ने इस ज्योतिर्लिंग का निर्माण कर इसे भगवान शिव को समर्पित किया था। औंधा नागनाथ मंदिर भगवान शिव पूजा के लिए बनाया गया है और वास्तुकला की हेमाद्पंथी शैली का पालन करता है। यह मंदिर लगभग 60,000 फीट के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि यहाँ नंदी की मूर्ति मंदिर के आगे होने के बजाय पीछे है।इस मंदिर के चारों ओर अनेक छोटे मंदिर हैं जो अन्य ज्योतिर्लिंगों को दर्शाते हैं। आप यहाँ विभिन्न भगवानों जैसे दत्तात्रय, नीलकंठेश्वर, दशावतार, वेदव्यासलिंग और गणपति की मूर्तियाँ भी देख सकते हैं।
एक धार्मिक गंतव्य
औंधा की सैर गर्मी का मौसम छोडकर साल भर में कभी भी की जा सकती है क्योंकि यहाँ की गर्मी असहनीय होती है। यह पवित्र स्थान अत्यंत सुविधाजनक स्थान पर स्थित है और हिंगोली के निकट स्थित होने के कारण यह अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
यदि आप हिंगोली जा रहे हैं तो औंधा नागनाथ आपकी सूची में अवश्य होना चाहिए। यह धार्मिक स्थान आपको श्रद्धा और विश्वास से भर देगा।