2 से 7 ई. के बीच बनी यह 10 गुफाएं बौद्ध मूल की है।यह गुफाएं अलग-अलग दिशा में बनी हुई है जो हिंदू धर्म के तंत्र-मंत्र से प्रेरित हैं।
सुबह 9 से शाम 7 बजे तक इन गुफाओं मेंभ् रमण किया जा सकता है जिसके लिए भारतीयों को 10 और विदेशियों को 100 रू. चार्ज...
यह जगह मुस्लिम धर्म का पाक स्थल है जहां दो मुस्लिम सतों बरहान-उद-दीन और जैन-उद-दीन का निवास था और अब उनका मकबरा भी यहीं बना हुआ है।इस जगह आने के लिए तीन दरवाजे है-लंगदा,पंगरा और नागरखाना।
ग्रिश्नेश्वर भी एक ज्योतिर्लिंग है जो भगवान को समर्पित है। इस प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर को घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। ये मंदिर प्रसिद्ध एलोरा गुफाएं के निकट स्थित है।
इस मंदिर को छत्रपति शिवाजी महाराज के दादा द्वारा 16 वीं सदी में पुनर्निर्मित किया...
औरगांबाद में शापिंग करने के लिए कनॉट अच्छी जगह है। यहां कई प्रकार के सामान मिलते है। कॉटन का सामान यहां ज्यादा अच्छा और सस्ता मिलता है। महिलाएं यहां से साड़ी और शॉल वाजिब दामों में खरीद सकती है।
यहां मिलने वाले कपडों का पैटर्न अजंता और...
वर्तमान में खंडहर में बदल चुके इस महल पर किसी जमाने में निजाम अली खान का कब्जा हुआ करता था।उस दौरान इस महल में 5 भाग हुआ करते थे और प्रत्येक का अलग मतलब हुआ करता था।
जनाब औरंगाबाद जाने के बाद सबसे पहले सुनहरी महल जाएं। इस महल की सोने से बनी पेंटिग्स बेहद अच्छी और काबिले तारीफ है। इस महल का निर्माण मुख्य बंदाखंद ने करवाया था जोकि औरंगजेब के काल का था।पूरा महल पत्थर और लाइम का बना हुआ है।
भारतीय...
औरंगाबाद में पनचक्की यानि पानी की मिल है।शहर में नदी का पानी मिट्टी के पाइप के माध्यम से लगभग 6 दूर लाया जाता है और स्थानीय लोगों के अनाज पीसने के काम में आता है।
एक जगह पर यह पानी झरने के रूप में गिरता है।
औरंगाबाद से 5 किमी दूर स्थित इस मकबरे को औरंगजेब के बेटे राजकुमार आजम शाह ने अपनी मां बेगम राबिया की याद में 1678 में बनवाया था।इस मकबरे के वास्तुकार का नाम अता उल्लाह था जिसने ताजमहल को कॉपी करने की कोशिश की थी लेकिन वह विफल रहा।
इसके...
हिमरो फैक्ट्री यानि हिमरो कपडे को बनाने की जगह।शहर के पुराने भाग में जफर गेट के पास यह फैक्ट्री बनी हुई है।हिमरो कपड़ा रेशम और कॉटन का मिक्स होता है जोकि डिजायन और पैटर्न बनाने के काम आता है।
इस कपडे को अजंता के चित्रों से प्रेरित होकर...
शाहगंज मस्जिद मुस्लिम समुदाय का प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस मस्जिद का निर्माण इंडो- सारासेनिक वास्तुकला में किया गया है। इस मस्जिद की आंतरिक सरंचना में 24 खंभे है।
यह मस्जिद 6 कोणों में बनी हुई है। मस्जिद के आंगन में दो बड़े पानी के टैंक है।...
यह औरंगाबाद का मशहुर संग्रहालय है। यह छोटा संग्रहालय साराफा रोड़ पर स्थित है। पुरवार म्यूजियम एक पुरानी हवेली में बना हुआ है जहां डाक्टरों से सम्बन्धित सामान की प्रर्दशनी लगी रहती है। डौटर पुरवार का काफी सामान यहां के कलेक्शन में लगा हुआ...
किला अरक औरंगाबाद का एक प्रमुख आकर्षण है। इस किले के निर्माण का आदेश स्वयं औरंगजेब द्वारा सन 1692 में दिया था। ये किला आज खंडहर बन चुका है। मगर फिर भी एक समय में इसकी वास्तुकला देखने लायक थी
इस किले में 4 द्वार है अगर शिलालेखों की माने तो इस...
औरंगाबाद में गुलमंडी भी काफी बड़ा बाजार है जहां कई प्रकार का सामान मिलता है। यहां भ्रमण करके आप विंडो शापिंग के द्वारा भाव भी पता कर सकते है जो शापिंग में लाभदायक होता है।
यहां भी कनॉट की तरह कई कपड़े और सामान का भंडार है बस आपके खरीदने की देर है।
बानी बेगम पार्क बेहद सुंदर स्थान है जो शहर से 25 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस पार्क के मध्य में बानी बेगम नाम की गुंबद भी बनी हुई है बानी बेगम औरंगजेब के पुत्र आजम शाह की बेगम का नाम था।
इस पार्क में गुंबद, झरने और सुंदर खंभे भी बने है जो मुगल...