महावीर पार्क, बाड़मेर जिले में स्थित है, ये खूबसूरत पार्क अपने संग्रहालय के लिए भी जाना जाता है जहाँ आज भी प्राचीन नक्काशीदार मूर्तियोंप्रदर्शन के लिए रखी गयीं हैं।
बाड़मेर किला , चट्टानी पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जो कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रह चुका है जो अब बहुत ही जीर्ण - शीर्ण हालत में है लेकिन अभी भी यहाँ काफी पर्यटक आते हैं और आज भीअपने गौरव को बरकरार रखे हुए है और आने वाले पर्यटकों के बीच...
रानी भातिअनी मंदिर जसोल में नाकोडा बालोतरा रोड पर स्थित है । ये मंदिर माता रानी भतिअनि को समर्पित है । इस मंदिर को बनाने में वही निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया है जिससे खेड स्थित जैन मंदिर बना है । साथ ही इस मंदिर के कई शस्त्र भी...
मेवा नगर 12वीं शताब्दी का एक गाँव है जो पहले विरानिपुर के नाम से जाना जाता था । ये पुरवा जो नगर की भकारिया नाम के पहाड़ों की ढलान पर स्थित है बालोतरा जो की बाड़मेर में स्थित है वहां से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । यहाँ पर तीन प्रमुख जैन मंदिरों के...
सफ़ेद अखाड़ा, सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के परिसर के भीतर स्थित एक उद्यान है। जो बाड़मेर के बहुत निकट है। इस स्थान पर खाना पकाने और अस्थायी आवास के लिए भी सुविधा है।
नाकोडा मंदिर, को पार्श्वनाथ मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, इसे भारत में जैन तीर्थ के मुख्य केंद्रों के रूप में भी जाना जाता है । यह मंदिर जैन संत पार्श्वनाथ की याद में बना है जो मुख्यतः काले पत्थर से निर्मित किया गया है । यह मंदिर जो तीसरी...
नीमड़ी चौहान मार्ग पर बाड़मेर से 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक उद्यान है! वर्तमान में यहाँ पर स्विमिंग पूल आने वालों के लिए इसे और भी ख़ास बनाता है साथ ही ये जगह पर्यटकों को एक नैसर्गिक सौंदर्य का भी एहसास कराती है।
रंचिर्जी विष्णु मंदिर खेड में स्थित है जो अपनी स्थापत्य भव्यता के लिए जाना जाता है । इस मंदिर के मुख्य द्वार पर एक गरुड़ की छवि है साथ ही ये भी कहा जाता है ये गरुड़ मंदिर की रखवाली करता है । ये मंदिर आज भी ढहती दीवारों से घिरा है लेकिन आज भी इसकी महिमा पहले...
जूना जैन मंदिर, जैन समुदाय का एक प्रमुख मंदिर है जो जूना बाड़मेर की खूबसूरत पर्वत चोटियों पर बनाया गया था। इस मंदिर का निर्माण 12 या 13 वीं शताब्दी में किया गया था। एक समय में जूना बाड़मेर एक व्यस्तम कज्बा था लेकिन समय के साथ साथ यहाँ के लोगों ने दूसरे...
देवका सूर्य मंदिर एक छोटे से गाँव देवका में स्थित है जो बाड़मेर से 62 किलोमीटर की दूरी पर है । 13 वीं शताब्दी में बना ये मंदिर अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला के लिए हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है । विष्णु मंदिर के अलावा दो और मंदिरों के निकट होने...
चिंतामणि पारसनाथ जैन मंदिर, 12 शताब्दी में बनवाया गया था जो एक जैन तीर्थंकर - पार्श्वनाथ को समर्पित है । इस मंदिर के अन्दर की मूर्तियाँ, आकर्षक तस्वीरें और सुन्दरता किसी का भी मन मोहने के लिए काफी हैं । साथ ही यहाँ मंदिर की भीतरी दीवारों पर मौजूद समृद्ध...
किराड़ू प्राचीन मंदिर, पांच मंदिरों का एक समूह है जो बाड़मेर से 39 किलोमीटर की दूरी पर हाथमा गाँव में स्थित है । 1161 के एक शिलालेख से पता चलता है की हाथमा को पहले किरतकूप के नाम से भी जाना जाता था जो पहले पनवारा वंश की राजधानी भी थी।
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