समुद्र सतह से 6000 फुट की ऊँचाई पर स्थित बड़ोग शहर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है। यह एक छोटा सा गाँव है जो 20 वीं सदी में प्रारंभ हुए समझौते के बाद बना। यह वही समय था जब कालका–शिमला नैरो गेज रेलवे स्टेशन बना था। इस स्थान का नाम एक इंजीनियर बड़ोग के नाम पर पड़ा, जिसने पहाड़ में से एक बड़ी टनल बनाने की योजना बनाई।
निर्माण की गति को बढ़ाने के लिये उसने पर्वत के दोनों ओर से खुदाई करने का आदेश दिया। हालांकि बाद में यह पता चला कि उसकी गणना गलत होने के कारण टनल के दोनों सिरे आपस में नही मिले। ब्रिटिश सरकार ने उस पर जुर्माना लगाया और शर्मिंदगी के कारण उसने आत्महत्या कर ली।
उस इंजीनियर का शव इस टनल के पास ही दफनाया गया और बाद में उसके नाम पर गाँव का नाम रखा गया। इस घटना के बाद टनल बनाने का शेष काम रेलवे के प्रमुख इंजीनियर एचएस हर्रिनटन द्वारा किया गया। अब यह टनल कालका–शिमला रेलवे की सबसे बड़ी टनल है, जिसकी लम्बाई लगभग 1143.61 मीटर है।
यह विश्व की सबसे अधिक सीधी टनल के रूप में जानी जाती है। बहुत से पर्यटक शिमला की यात्रा करते समय चंडीगढ़ से 60 किलोमीटर की दूरी पर कालका-शिमला हाईवे पर स्थित बड़ोग में रुकते हैं। चूर चाँदनी चोटी इस क्षेत्र के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। बड़ोग में पर्यटन के कुछ अन्य स्थान दगशाई, विशाल शिव मंदिर, दोलांजी बोन मठ और रेणुका झील हैं।
इसके अलावा पर्यटक शोलोनी देवी मंदिर, बच्चों का पार्क और जवाहर पार्क भी अक्सर जाते हैं। चंडीगढ़ और शिमला के हवाई अड्डे बड़ोग के निकटतम हवाई अड्डे हैं। शिमला का हवाई अड्डा कुल्लू और दिल्ली से नियमित उड़ानों द्वारा सीधे जुड़ा हुआ है और चंडीगढ़ का हवाई अड्डा प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, पुणे और बैंगलोर से जुड़ा हुआ है।
वे यात्री जो रेल से यात्रा करना चाहते हैं वे बड़ोग रेलवे स्टेशन तक टिकिट आरक्षित करवा सकते हैं। पर्यटक दिल्ली, चंडीगढ़, चैल, कसौली, सोलन और शिमला से बस द्वारा भी यहाँ तक पहुँच सकते हैं। अप्रैल और सितंबर के बीच का समय इस स्थान की यात्रा के लिये उत्तम है।