छावनी बाजार, करमिया गांव से 12 किमी. की दूरी पर स्थित है और बस्ती शहर से 40 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस जगह को 1850 में भारत के ब्रिटिश शासन के दौरान सैन्य प्रतिष्ठान के लिए बाजार के रूप में बनाया गया था लेकिन बाद में यह जगह भारत में आजादी की पहली लड़ाई, 1857 की क्रांति में केंद्र के रूप में उभरकर सामने आई। इस जगह पर जनरल फोर्ट, ब्रिटिश आर्मी के कमांडर की हत्या कर दी गई थी।
इस बाजार में एक पीपल का पेड़ है जो यहां आने वाले पर्यटकों के लिए एक लैंडमार्क है। अपने कमांडर की मौत से व्यथित ब्रिटिश आर्मी ने 250 भारतीय सेनानियों को पीपल के पेड़ से लटका कर मौत के घाट उतार दिया था। उस समय से, छावनी बाजार ने एक ऐतिहासिक महत्व हासिल कर लिया और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया।