यह चंबा से 60 किमी. की दूरी पर स्थित है। पहले यह चंबा की राजधानी हुआ करती थी जिसे बाद में गद्दी जनजातियों द्वारा जबर्दस्ती कब्जा कर लिया गया था। यह जगह ताजे फल और सुंदर कम्बलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां एक प्राचीन मंदिर भी है जो 1000 साल पुराना है इस मंदिर में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस मंदिर की वास्तुकला बेहद सुंदर और आकर्षक है।
यहां आने के लिए अगस्त और सितंबर का महीना आर्दश समय होता है। प्रकृति प्रेमी और रोमांच प्रेमी यहां आएं। यहां से 4 किमी. की दूरी पर चौरासी मंदिर भी स्थित है जहां पर्यटक ट्रैकिंग करके पहुंच सकते है। मणिमहेश यात्रा के दौरान यानि अगस्त और सितम्बर के महीने में यहां पर्यटक पवित्र डुबकी लगाते हैं।
यहां से 35 किमी. की दूरी पर यह पवित्र जल स्त्रोत स्थित है। भारमाउर आकर पर्यटक बिंदास होकर पहाड़ो की चढ़ाई और ट्रैकिंग कर सकते हैं। यहां आने के लिए सबसे उत्तम समय अप्रैल से अक्टूबर के बीच का होता है।