नग्गर हिमाचल प्रदेश में कुल्लू घाटी का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। नग्गर एक प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है जिसका विशेष रूप से उत्तर पश्चिम घाटी वाला हिस्सा बेहद खुबसूरत है। यह कुल्लू की सबसे पुरानी राजधानी भी है। नग्गर को राजा विशुद्पाल पे स्थापित किया जिसके बाद इसे राज्य मुख्यालय के तौर पर रखा गया। 1460 ई. में नग्गर को राज्य मुख्यालय से हटाकर सुल्तानपुर को राज्य मुख्यालय बना दिया गया।
नग्गर में कई पर्यटन स्थल है जो देखने में काफी आकर्षक हैं और उनका ऐतिहासिक महत्व भी है। यहां के मुख्य पर्यटन स्थल जगटीपट्ट और नग्गर कैसल हैं। इस कैसल का निर्माण आज से 500 साल पहले किया गया था जिसे वर्तमान में एक होटल में परिवर्तित कर दिया गया है। इस होटल से शहर का सुंदर व्यू दिखता है।
इसके अलावा, यहां निकोलस रियोरिच आर्ट गैलरी भी है जिसे रूसी पेंटर ने अपने बेटे के लिए बनाया था, इसमें रियोरिच और उसके बेटे की कई पेंटिग्स लगी हुई हैं। यहां आकर पर्यटकों को दपगो शिड्रपुलिंग मठ को देखने भी आना चाहिए जो व्यास नदी के तट पर स्थित है। इस मठ का उद्घाटन परम पावन दलाई लामा ने किया था।
आध्यात्मिक यात्रियों के लिए एक प्रमुख गंतव्य स्थल है। इस नगरी में श्रद्धालुओं के दर्शन करने हेतू कई मंदिर है जैसे- त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, चामुंडा भगवती मंदिर और मुरलीधर मंदिर। यह सभी मंदिर अपनी स्थापत्य शैली और यहां मनाए जाने वाले त्यौहारों के लिए जाने जाते हैं।
नग्गर में मछली पकड़ने का साहसिक कार्य हर उम्र के लोगों द्वारा किया जाता है। पर्यटक यहां आकर अपने इस शौक को पूरा कर सकते हैं और साथ ही ट्रैकिंग और रिवर राफ्टिंग का मजा भी उठा सकते हैं। व्यास नदी में मछली पालन काफी जोरों से किया जाता है। ट्रैकिंग करने के लिए यहां पिन पर्वत, जलोरी पास और चंद्रखानी पास जैसी जगहों पर जाया जाता है।
नग्गर जाने के लिए पर्यटकों को आसानी से रेल और सड़क सुविधा मिल जाएगी। हवाई यात्रा करने के लिए जरा घूम कर आना होगा। यहां की यात्रा के लिए सबसे अनुकूल समय गर्मियों का होता है इस दौरान काफी पर्यटक यहां आते हैं। मानसून के मौसम में भारी वर्षा के कारण यात्रियों की संख्या में कमी आ जाती है। सर्दियों के दौरान भी पर्यटक नग्गर की ओर आकर्षित होते हैं।