हयात बख्श बाग या लाइफ - बेस्टोइंग गार्डन, लाल किले के परिसर का सबसे बड़ा गार्डन है। इस बगीचे को मुगलों के पश्चिमी एशियाई प्रभाव से बनाया गया है। इस सुंदर बगीचे में टैंक, मंडप, वॉटर चैनल और फब्बारे हैं और कई वर्गो में विभाजित है। पुराने आकंडे कहते हैं कि यहां लगाएं गए पौधों में नीले, सफेद और बैंगनी रंग के फूल खिलते थे।
शाह - बुर्ज नामक टॉवर इस बगीचे के उत्तर - पूर्वी कोने में स्थित है। इस टॉवर का गुंबद 1857 में सिपाही विद्रोह के दौरान हटा दिया गया था। शाह बुर्ज से मिलता - जुलता टॉवर जिसे असद बुर्ज कहा जाता है, भी बगीचे के दक्षिण - पूर्वी कोने पर खड़ा है।
हयात बख्श बाग के छोर पर, दो मंडप भी सफेद संगमरमर से बनाएं गए थे जिन्हे सावन और भादों मंडप कहा जाता है। यह मंडप हिंदू कैलेंडर के दो महीनों सावन और भादों के नाम पर रखे गए हैं। सावन मंडप में दोनो तरफ आला बने हुए हैं जिनमें आसानी से मोमबत्तियों को रखा जा सकता है जो एक सुरम्य दृश्य प्रदान करते हैं।
हयात बख्श बाग के अन्य हिस्से मोती महल, हीरा महल और जफर- ए - महल है। हालांकि मोती महल को सिपाही विद्रोह के दौरान हटा दिया गया था। इसके अलावा लाल किले के अन्य आकर्षण, नक्कार खाना, दीवान - ए - आम, दीवान - ए - खास, रंग महल, खास महल और मुमताज महल भी हैं।