शांता नदी के किनारे बना दशरथशिला मंदिर, देवप्रयाग का प्राचीन और प्रचलित धार्मिक स्थान है, जिसका नाम दशरथ की पुत्री के नाम पर रखा गया। किंवदंती है कि, भगवान राम के पिता, दशरथ ने यहाँ घोर तपस्या की थी। कहते हैं कि मंदिर के पास स्थित छोटी सी पहाडी, राजा दशरथ का सिंहासन थी।