यह मंदिर सापों के देवी को समर्पित है जो थुबू नाग की बहन थी। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दूसरे माह यानि वैसाख माह में जो अप्रैल में पड़ता है, के दौरान यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है। यहां श्रद्धालुओं को फ्री भोजन खिलाया जाता है और साल में मंदिर खुले रहने तक लंगर चलता रहता है। मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रसाद भी बांटा जाता है। यहां के मंदिर में भेड़ के बच्चे की बलि दी जाती है और उसका गोश्त प्रसाद या पवित्र भोजन के रूप में बांटा जाता है।