यह मंदिर हिंदू धर्म के सुब्रनाग यानि शेषनाग भगवान को समर्पित है। शेषनाग भगवान हिंदू धर्म के दिव्य स्वरूप वाले ईश्वर का रूप माने जाते है जो सुब्र धर में विश्राम की अवस्था में हैं। इस मंदिर के कपाट हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दूसरे माह यानि वैसाख माह के पहले दिन खोले जाते है जो अप्रैल माह में पड़ता है।
यहां शेषनाग भगवान की विशाल मूर्ति लगी हुई है जिसके दर्शन के लिए दूर - दूर से हजारों श्रद्धालु आते हैं। जुलाई माह में यहां वार्षिक उत्सव मनाया जाता है जिसे जटर ऑफ चिंटा कहा जाता है।