डोड्डामकाली कर्नाटक का एक लोकप्रिय गंतव्य है जो अपने ग्रामीण और जंगली परिदृश्य के लिए लोकप्रिय है। यह भीमेश्वरी फिशिंग कैंप की प्रतिकूल दिशा में 6 किमी. की दूरी पर स्थित है तथा बैंगलोर से 132 किमी. की दूरी पर स्थित है। डोड्डामकाली कार्पोरेट टीम के निर्माण तथा सप्ताहांत के लिए उचित गंतव्य स्थान है। क्योंकि यह शहर की भीड़ भाड़ से दूर स्थित है अत: यह स्थान पर्यटकों को शांत वातावरण प्रदान करता है। कावेरी नदी के किनारे स्थित डोड्डामकाली वन्य जीवन तथा पक्षियों को देखने का अवसर प्रदान करने के साथ साथ कई साहसिक गतिविधियों तथा खाली समय में की जाने वाली गतिविधियों के लिए भी अवसर प्रदान करता है।
पर्यटक डोड्डामकाली क्यों आते हैं – डोड्डामकाली में पर्यटन स्थल
डोड्डामकाली पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है क्योंकि वे यहाँ पानी में रहने वाले पक्षियों के साथ साथ ज़मीन पर रहने वाले पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियाँ जैसे काले पेट वाली रिवर टर्न, बाज़, ग्रे सिर वाला मछली बाज़, हनी बाज़, कलगी वाली कोयल, गहरा पीला ईगल, किंगफिशर, धब्बेदार पेट बाली बतख, कठफोड़वे आदि देख सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि डोड्डामकाली 200 से अधिक प्रकार के पक्षियों की प्रजातियों का घर है।
यहाँ जंगल सफारी की सुविधा भी उपलब्ध है जहाँ पर्यटक अनेक स्तनपायी जानवर जैसे जंगली सूअर, सांबर, चितकबरा हिरन, लुप्तप्राय बड़ी गिलहरी, तेंदुए, हाथी, मालाबार गिलहरी और सियार देख सकते हैं। सरीसृप की प्रजातियाँ जैसे मगरमच्छ, कछुए, गिरगिट, पायथन, कोबरा, वाईपर, क्रेट तथा नरम कवच वाले स्थानिक कछुओं की प्रजाति आदि भी देखी जा सकती हैं।
डोड्डामकाली में पर्यटकों को मछली पकड़ने के अवसर भी मिलते हैं क्योंकि कावेरी नदी की गति यहाँ धीमी हो जाती है तथा यहाँ वह एक तालाब के रूप में एकत्रित होती है। इस फिशिंग कैंप में “कैच एंड रिलीज़” पद्धति का अनुसरण किया जाता है तथा पर्यटक यहाँ मशीर तथा अन्य मछलियां पकड़ने में अपना भाग्य आजमा सकते हैं। यहाँ मार्गदर्शक भी उपलब्ध होते हैं जिनकी सहायता से पहली बार मछली पकड़ने वाले भी फिशिंग का आनंद उठा सकते हैं।
इसके अलावा बहुत कुछ
डोड्डामकाली साहसिक कार्यों के प्रति उत्सुक लोगों का प्रिय गंतव्य है क्योंकि वे यहाँ नाव की सवारी, कयाकिंग और कावेरी नदी में राफ्टिंग का आनंद उठा सकते हैं। इसके अलावा माउन्टेन बाइकिंग तथा ट्रेकिंग भी डोड्डामकाली में लोकप्रिय है। डोड्डा मकाली की सैर करने वाले पर्यटक अक्सर प्रकृति भ्रमण पर जाते हैं तथा निकट स्थित शिव मंदिर के अवशेषों को देखते हैं।
डोड्डामकाली के जंगलों में सोलीगा आदिवासी रहते हैं जो एक आदिवासी जनजाति है तथा सदियों से वे यहाँ रह रहे हैं। पर्यटक अक्सर इन आदिवासियों से वार्तालाप करते हैं तथा यह जानने का प्रयत्न करते हैं कि वे किस प्रकार अपना निर्वाह करते हैं। डोड्डामकाली से निकट के स्थानों जैसे भीमेश्वरी फिशिंग कैंप, मेकेदातु वॉटरफॉल और संगम तथा सिम्षा वॉटरफॉल की सैर की जा सकती है।
डोड्डामकाली की यात्रा के लिए उचित समय
डोड्डामकाली बैंगलोर से रास्ते द्वारा तीन घंटे की दूरी पर स्थित है तथा जुलाई, अगस्त और फरवरी के महीनों में यहाँ की सैर करना उचित होता है। मानसून के महीनों में भी यहाँ की सैर की जा सकती है जब यह स्थान हरियाली से ढंका होता है।