आगरा पर्यटन: ताजमहल के अलावा भी है यहां बहुत कुछ देखने को
देश की राजधानी दिल्ली से 200 किमी दूर उत्तरप्रदेश का शहर आगरा ताजमहल के लिए जाना जाता है। यहां स्थित ताजमहल के अलावा आगरा का किला और फतेहपुर सिकरी भी यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है। आगरा का इतिहास 11वीं शताब्दी से मिलता है। गुजरते समय के साथ यहां हिन्दू और मुस्लिम दोनों शासकों ने शासन......
अहमदाबाद - एक उभरते शहर की कहानी
गुजरात राज्य का एक ऐसा शहर जो हमेशा से ही विरोधाभासी रहा है, जहां एक ओर गुजराती लोग, सारी दुनिया में मास्टर बिजनेसमैन के नाम से जाने जाते है वहीं इसी शहर में ही गांधी जी ने सत्याग्रह और अंहिंसा का पाठ पढ़ाया था। एक तरफ भौतिकवादी दृष्टिकोण है और दूसरी तरफ आत्म - त्याग की आध्यात्मिकता है। कई......
अजंता - एक विश्व विरासत स्थल
अजंता की गुफाएं, महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में स्थित है। अजंता और एलोरा की गुफाओं में ज्यादा दूरी नहीं है व दोनों ही गुफाएं महत्वपूर्ण ऐतिहासिक केन्द्र है। अजंता की गुफाएं लगभग 200 साल ईसा पूर्व की बनी हुई है। इन गुफाओं में हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के चित्र, मूर्ति व अन्य कलाकृति......
अल्मोड़ा - जहां प्रकृति भी खुद पर इतराती है
सुयाल और कोसी नदी के बीच 5 किमी लंबी घोड़े की पीठ के आकर की पहाड़ी पर बसा अल्मोड़ा कुमाऊं क्षेत्र का बेहद चर्चित हिल स्टेशन है। हरे भरे सुंदर जंगलों से घिरा यह शहर समुद्र तल से 1651 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां चंद वंश और कत्यूरी वंश ने 15वीं और 16वीं शताब्दी में शासन किया था। अल्मोड़ा की......
अलोंग - खूबसूरत घाटियों का शहर
पश्चिमी सियांग जिले के पहाड़ों के बीच स्थित अलोंग एक खूबसूरत सा कस्बा है, जो छोट-छोटे गांवों से मिलकर बना है। यह कस्बा असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास सियांग नदी की दो सहायक नदी योमगो और सीपू के किनारे पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 300 मीटर है। अलोंग की प्राकृतिक सुंदरता बेजोड़......
अमरावती - नेताओं का जन्मस्थान
बढ़ते औद्योगिक केन्द्र के साथ-साथ अमरावती महाराष्ट्र की संस्कृति और साहित्य के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गोपाल नीलकंठ डांडेकर और सुरेश भट्ट इस क्षेत्र का कुछ मशहूर हस्तियाँ हैं। कहा जाता है कि भगत सिंह, प्रतिष्ठित क्रांतिकारी सेनानी, अमरावती में 3 दिनों के लिए अपने भूमिगत कार्यकाल के......
अंतरगंगे - एक पूर्णतया साहसिक स्थल
अंतरगंगे एक ऐसा स्थान है जो की निश्चित रूप से साहसिक लोगों को लुभाता है। अंतरगंगे वास्तव में एक बारहमासी वसंत है जो पहाड़ियों पर कर्नाटक में कोलार जिले के पूर्व में स्थित है। यहाँ की वसंत कुछ बड़े पैमाने पर रॉक संरचनाओं को छोटी और बड़ी गुफाओं के रूप में दिखाती है। इस चट्टानी पहाड़ी के नीचे देखने......
अरितार - जहां मिलती है मन को शांति
कुदरती खूबसूरती और समृद्ध इतिहास को अपने आप में समेटे पूर्वी सिक्किम का हिस्सा है अरितार। लुभावनी झील, घने जंगल, खूबसूरत पहाड़ियां और चावल के खेत यहां आने वाले सैलानियों को स्वर्ण में होने का आभास कराते हैं। प्रकृति की गोद में बसे अरितार में सुबह का नजारा लोगों को अचरज में डाल देने वाला होता है।......
अथिराप्पिल्ली - एक रोमांचक आकर्षण
अथिराप्पिल्ली, त्रिशूर जिले के मुकुंदपुरम तालुक में स्थित है । यह एक प्रथम दर्जे का ग्राम पंचायत है जो त्रिशूर से 60 किलोमीटर और कोच्चि से 70 किमी की दूरी पर स्थित है । यह अपनी राजसी झरने और करामाती वर्षावन के लिए प्रसिद्ध है । यह जगह जैव विविधता में समृद्ध है । पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश इस घाटी......
औली - आइये और स्कीइंग का लुत्फ़ लीजिये
औली एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो पूरी दुनिया में स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है। यह खूबसूरत जगह समुद्रतल से 2800मी. ऊपर स्थित है। यह जगह ओक धार वाली ढलानों और सब्ज़ शंकुधारी जंगलों के लिए जानी जाती है। औली का इतिहास 8वीं शताब्दी में पाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, गुरु आदि शंकराचार्य इस पवित्र......
बांधवगढ़ - टाइगर्स के साथ एक मुलाकात
ऐसा माना जाता है कि बांधवगढ़ सफेद बाघों का मूल निवास स्थान है। इतिहास से पता चलता है कि रीवा के महाराज बांधवगढ़ का इस्तेमाल शिकार के लिए करते थे। यहां की एक पहाड़ी पर स्थित एक प्राचीन किला भी इस बात का सुबूत है। रोचक बात यह है कि किला जंगल पर हावी नजर आता है। काफी पहले से ही इस जगह को नेशनल पार्क......
बांदीपुर – जंगली प्राणियों के साथ आमना सामना
बांदीपुर वन संरक्षित क्षेत्र भारत में प्रमुख रूप से बाघ संरक्षित (टाइगर रिजर्व) क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहाँ बाघों की आबादी लगभग 70 है। लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ यह प्रोजेक्ट टाइगर संरक्षित क्षेत्र कर्नाटक के चामराजनगर जिले में स्थित है। यह मैसूर से 80 किलोमीटर और बंगलौर से......
भद्रा पर्यटन – हरियाली में एक स्वर्ग
भद्रा एक ऐसा क्षेत्र है जो मुख्य रुप से भद्रा वन्यजीव अभयारण्य के लिए प्रसिद्ध है, और यह कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले में स्थित है। पश्चिमी घाटों में स्थित, यह वन्यजीव अभयारण्य हाल ही में बाघ परियोजना का हिस्सा बना और आज एक बाघ संरक्षित क्षेत्र बन गया है। पश्चिमी घाटों के हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित......
भरतपुर - यहाँ, पक्षियों के साथ व्यक्तिगत हो सकते हैं आप
भरतपुर भारत का एक जाना माना पर्यटन गंतव्य है। इसे राजस्थान का पूर्वी द्वार भी कहा जाता है और यह राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है। यह एक प्राचीन शहर है जिसका निर्माण वर्ष 1733 में महाराजा सूरजमल ने करवाया था। इस शहर का नाम हिंदुओं के भगवान राम के भाई भरत के नाम पर पड़ा। भगवान राम के भाई लक्ष्मण......
भावनगर - एक पुरस्कृत शहर
भावनगर मुख्य रूप से कपास उत्पादों से सम्बन्धित गुजरात के महत्वपूर्ण व्यापार केन्द्रों में से एक रहा है। शहर समुद्र के व्यापार, जवाहरात और चांदी के आभूषणों के कारोबार में भी प्रसिद्ध रहा है। इतिहास भावनगर 1723 में भावसिंहजी गोहिल द्वारा स्थापित किया गया था। गोहिल वास्तव में मारवाड़ से चले गए और......
भीमेश्वरी - झरनों के बीच बसा शहर
यदि आप बैंगलोर या मंड्या जिले या उसके आस-पास के शहर में रहते हैं और आपको अपना वीकेंड सुहावना बनाना है, तो भीमेश्वरी आपकी च्वॉइस में शामिल हो सकता है। भीमेश्वरी, मंड्या जि़ले में स्थित एक छोटा सा शहर है जो साहस व प्रकृति प्रेमी पर्यटकों के लिए तेज़ी से उभरता स्थान है। भीमेश्वरी बेंगलुरु से 100......
भुवनेश्वर पर्यटन - मंदिरों से भरा एक शहर
भारत के पूर्वी हिस्से में बसा भुवनेश्वर ओडिशा की राजधानी है। यह शहर महानदी के किनारे पर स्थित है और यहां कलिंगा के समय की कई भव्य इमारतें हैं। यह प्रचीन शहर अपने दामन में 3000 साल का समृद्ध इतिहास समेटे हुआ है। कहा जाता है कि एक समय भुवनेश्वर में 2000 से भी ज्यादा मंदिरें थीं। यही वजह है कि इसे......
भुज - राजहंसों का विश्राम गृह
भुज गहरी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ एक शहर है और यह कच्छ का जिला मुख्यालय भी है। शहर का नाम पहाड़ी भुजियो डुंगर के नाम पर पड़ा है, जो शहर के पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसे विशाल नाग भुजंग की जगह माना जाता है। उसे समर्पित एक मंदिर इस पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इतिहास भुज का पूर्व ऐतिहासिक दिनों......
बीकानेर - रॉयल किलों, मेलों और भुजिया का शहर
राजस्थानी शहर बीकानेर, सुनहरी रेत के टीबों, ऊँटों और वीर राजपूत राजाओं के साथ रेगिस्तान के गहरे रोमांस की मिसाल है।राजस्थान राज्य के उत्तर पश्चिमी भाग में यह शहर थार रेगिस्तान के बीच में स्थित है। यह राठौर राजकुमार, राव बीकाजी द्वारा वर्ष 1488 में स्थापित किया गया था। यह शहर अपनी समृद्ध राजपूत,......
बिन्दु पर्यटन - सच में एक बाह्य प्रवेशद्वार
बिन्दु, भारतीय राष्ट्र का आखिरी गांव है, तथा भारत-भूटान सीमा के करीब स्थित है। इस स्थान के बारे में सब कुछ अद्भुत है। जैसे ही आप इस गांव के निकट जाते हैं, इसके आसपास की मरोरम सुंदरता आपको अपनी ओर खींचेगी। यात्री चाहे तो आगे भूटान की सैर भी कर सकते हैं जो निस्संदेह एक खूबसूरत और बहुत ही सुरम्य देश......
बीर – पैराग्लाइडर का स्थान
बीर हिमाचल प्रदेश के पर्यटन के लोकप्रिय स्थानों में से एक है। इस शहर की प्रमुख आबादी पड़ोसी देश तिब्बत से आए हुए शरणार्थी हैं। यह स्थान अपने विभिन्न अध्यात्मिक अध्ययन के केन्द्रों जैसे दीर पार्क इंस्टीट्यूट और धर्मालय इंस्टीट्यूट के लिये प्रसिद्द है। अध्ययन केन्द्रों के अलावा बीर साहसिक खेलों का......
बीरभूम पर्यटन - लाल मिट्टी की भूमि
बीरभूम जिला अपनी सीमाओं को झारखंड के साथ साझा करता है और इसे लाल मिट्टी की भूमि कहा जाता है। इस स्थान का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होने के कारण, यह एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। यहां का टेराकोट्टा कंस्ट्रक्शन विभिन्न शहरों में फैला हुआ है। स्थानीय उद्योग इस जिले की आय का अधिकांश: भाग यहां......
बोमडिला पर्यटन- एक खू़बसूरत आनंद
समुद्र तल से 8000 फीट की ऊँचाई पर स्थित एक छोटा सा शहर बोमडिला अरुणाचल प्रदेश के सबसे अधिक मनोरम स्थानों में से एक है। विशाल पूर्वी हिमालय पर्वतमाला के प्राकृतिक परिवेश के बीच बसा बोमडिला यहाँ आने वालों के लिए एक आनंदमयी शांत शहर है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के अलावा बोमडिला बौद्ध मठों के लिए भी......
बडगाम पर्यटन - अमर दर्शनीय सौंदर्य
बडगाम, जम्मू और कश्मीर का सबसे नया जिला है जिसे 1979 में श्रीनगर से विभाजित करके बनाया गया था। यह जिला, समुद्र के स्तर से 5,281 मीटर की औसत ऊंचाई पर स्थित है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण प्रसिद्ध बडगाम में टोपोग्राफी यानि स्थानिक भूगोल में कई परिवर्तन नजर आते हैं, यहां मैदान और पर्वतों को......
बूंदी-समय के साथ रूका हुआ शहर
बूंदी एक जिला है जो राजस्थान के हाडोती क्षेत्र में स्थित है। बूंदी कोटा से 36 किमी की दूरी पर स्थित है। अलंकृत किले, शानदार महल और राजपूत वास्तुकला, सुंदरता से नक्काशी किये गए कोष्ठक और स्तंभ इस स्थान को भ्रमण हेतु उपयुक्त बनाते हैं। चमकीली नदियाँ, झीलें और सुंदर जल प्रपात इस क्षेत्र की सुंदरता......
कावेरी फिशिंग कैम्प - मछली पकड़ने वालों के लिए एक प्रवेशद्वार
कावेरी मत्स्य शिविर, दक्षिण कर्नाटक के जंगलों के बीच शान से बहती हुई कावेरी नदी के पास है। यह जगह प्रकृति प्रेमियों को जंगलों व एकांत के कारण मधुमक्खियों की तरह आकर्षित करती है। हर रोज़ की व्यस्त जि़दगी से निकलकर यहाँ आने वालों को मज़ा, शाति, और संतुष्टि एक समान मिलती है। बंगलोर शहर से 100 कि.मी.......
चलसा पर्यटन - हिमालय के बीच बसा एक सुंदर क़स्बा
पश्चिम बंगाल में स्थित चलसा हिमालय की तलहटी में बसा एक सुन्दर क़स्बा है। यह सिलीगुड़ी जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के पास है इसके अलावा यहाँ चाय के बागान, बड़े जंगल और अनेक सुन्दर नदियाँ हैं। यहाँ के जंगल में गैंडे और हाथी पाए जाते हैं इसलिए पर्यटक गाँव के किसी व्यक्ति को गाइड के रूप में साथ लेकर......
चंपानेर - एक शाही शहर
चंपानेर की स्थापना चावड़ा वंश के राजा वनराज चावड़ा ने की थी। उनके एक मंत्री का नाम चंपाराज था, जिसके नाम पर इस जगह का नामकरण हुआ। कुछ लोगों का मानना है कि चंपानेर नाम ‘चंपक’ फूल के कारण पड़ा है, क्योंकि इस क्षेत्र के पाए जाने वाले आग के चट्टानों में भी फूलों की तरह ही पीलापन देखने को मिलता है।......
Champhai - Commercial Gateway to Myanmar
Overlooking the majestic Myanmar hills, adorned with culture and tradition, popularly known as the ‘Rice Bowl of Mizoram’, Champhai is one tourist destination in north east India that cannot be missed. Champhai tourism is laden with tribal tradition which is boisterous and vibrant, the place......