पोथीमाला को 1745 में गुरू जीवन मल के द्वारा बनवाया गया था। पोथीमाला शब्द को पोथी यानि पवित्र पुस्तक और माला यानि माला से बनाया गया है जो श्री गुरूनानक जी की थी - इन्हे भी यहां दर्शाया गया है। पर्यटक, यहां आकर पदम और गुरू जी के सालीग्राम भी देख सकते है। हर साल नई संवत के पावन दिन पर यहां वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है। यह हरि गुरू गांव में स्थित है जहां सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।