झारखंड में स्थित खंडोली, रोमांचकारियों के लिए आकर्षक पर्यटक स्थलों में से एक है। गिरिडीह के उत्तर पूर्व में 10 किमी की दूरी पर स्थित खंडोली बाँध एक जलाशय है जो विभिन्न वाटर स्पोर्ट्स और रोमांच को स्थान देता है। पूरी खंडोली साईट विस्तृत रूप से एक घड़ी के टावर और एक पहाड़ी, जिसकी ऊँचाई 600 फीट है से साफ़ दिखाई पड़ती है। पक्षियों की असंख्य प्रजातियाँ हैं जिन्हें पक्षियों के शौक़ीन ढूंढ सकते हैं। यहाँ यात्री नौका विहार, पर्वतारोहण, रॉक क्लाइम्बिंग पैरासेलिंग और हाथी और ऊंट सफारी के अलावा कायाकिंग का मजा भी ले सकते हैं। खंडोली का समीपस्थ रेलवे स्टेशन गिरिडीह है। स्टेशन से बस और टैक्सी उपलब्ध हैं जो कि बाँध के रास्ते के लिए मार्गदर्शन दे सकती हैं। खंडोली हिल की तलहटी में खंडोली गाँव है। गिरिडीह के एक लाख से अधिक निवासियों को इस जलाशय से पानी दिया जा रहा है। इस पहाड़ी का आकार सैंडल की तरह है और इसकी चोटी ज्वालामुखी के शंकु की तरह दिखती है। हिमालय बेल्ट, अफ्रीका, उत्तरी एशिया और ऑस्ट्रेलिया से आए प्रवासी पक्षियों को खंडोली झील के आसपास देखा जाता है। ग्रेट जलकाग, साइबेरियाई बतख, साइबेरियन क्रेन, ब्राह्मिनी शेल्डक और पक्षियों की चालीस ऐसी किस्में यहाँ देखी जा सकती हैं जो यहाँ के उपयुक्त वातावरण में प्रजनन करती हैं। प्रदूषण के कारण यहाँ माइग्रेशन कुछ कम हो गया है। कुछ छोटी चिड़ियाँ और जानवरों को पिंजरे में बंद करके मनोरंजन पार्क में रखा गया है जो 6 एकड़ में फैला हुआ है।
पर्यटक आम तौर पर अद्भुत प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए सर्दियों के दौरान खंडोली आते हैं। खिलौना गाड़ियाँ और झूलों की सवारी पर्यटकों का मनोरंजन करती हैं। पर्वतारोही रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग, रिवर क्रोसिंग और इसी तरह की अन्य चुनौतीपूर्ण गतिविधियों के लिए ग्रेनाईट की चट्टानों के साथ प्रयास कर सकते हैं जो खंडोली हिल का निर्माण करती हैं।
खंडोली बाँध पर पानी की कुछ गतिविधियाँ जैसे पैडल बोट, स्पीड बोट और वाटर स्कूटर आदि का आनंद उठाया जा सकता है। स्कूबा डाइविंग, कैनोइंग, सेलिंग, रिंगो सवारी, राफ्टिंग, वाटर स्कीइंग और सर्फिंग, जैसी गतिविधियाँ पूरे भारत के मेट्रो शहरों से पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। ये गतिविधियाँ आगे भी झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देती रहेंगी।