गिरिडीह, झारखंड की प्रसिद्द खदानों के शहर में से एक है। उत्तरी छोटा नागपुर डिवीजन के केंद्र में स्थित, गिरिडीह अपनी सीमाओं को उत्तर में बिहार के नवादा जिले, पूर्व में देवघर एवं जामतारा जिले, पश्चिम में हजारीबाग और कोडरमा और दक्षिण में धनबाद और बोकारो के साथ बांटता है। पहाड़ियों के बीच स्थित यह एक ख़ूबसूरत सा गाँव या खेड़ा है जो आस-पास के राज्यों से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। 1972 में गिरिडीह को जिला बनाया गया था पहले यह हजारीबाग जिले का ही एक भाग था। 4853.56 किमी के क्षेत्र में फैले हुए गिरिडीह में माणिक, अभ्रक और कोयले का भण्डार है।
‘गिरिडीह’ शब्द का मतलब है पहाड़ियों और टीलों का क्षेत्र, जो इस प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र को फोकस करता है। जंगलों का विस्तृत खंड इस जिले के अधिकतम भाग को कवर करता है। यहाँ सागौन के वृक्ष बड़ी मात्रा में मिलते हैं इसके अलावा बांस, सेमल, महुआ और पलाश भी मिलते हैं। गिरिडीह में खनिजों का समृद्ध भण्डार है, माइका (अभ्रक) उनमें से एक है।
गिरिडीह और उसके आसपास के पर्यटन स्थल
पारसनाथ हिल्स या श्री सम्मेता शिखर जी गिरिडीह का सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह जैनियों का तीर्थ यात्रा केंद्र है। 20-24 जैन तीर्थंकरों को यहाँ मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। झारखंड की सबसे ऊँची चोटी जो ग्रेनाईट की बनी हुई है, यहीं स्थित है।
बराकर और सकरी दो महत्वपूर्ण नदियाँ इस जिले से होकर बहती हैं। उसरी जल प्रपात एक और मनोरम पर्यटन स्थल है, जो शहर के केंद्र से 13 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ नदी 40 फीट की खड़ी ऊँचाई से नीचे गिरती है जिससे जल प्रपात बनाता है।
खंडोली बाँध एक आकर्षक जलाशय और बाँध है। यह पक्षी प्रेमियों के लिए एक दिलचस्प जगह है साथ ही रोमांच के चहेते यहाँ नौका विहार, रॉक क्लाइम्बिंग, पैरासेलिंग और कायाकिंग करके स्वयं को तृप्त कर सकते हैं। हाथी और ऊंट सफारी के अलावा वाटर स्पोर्ट्स का आनंद भी लिया जा सकता है।
हरिहर धाम एक तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। भारत का सबसे बड़ा शिवलिंग यहाँ मौजूद है। दुखिया महादेव मंदिर और झारखंड धाम कुछ अन्य तीर्थस्थल हैं। जमुआ गिरिडीह की बस्ती से 35 किमी की दूरी पर स्थित है जो स्थित चारों ओर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और चारों ओर फैली हरियाली के लिए प्रसिद्ध है।
गिरिडीह का मौसम
मुख्य रूप से गिरिडीह की जलवायु शुष्क है जबकि सर्दियाँ ठंडी और सुखद रहती हैं।
गिरिडीह तक कैसे पहुंचें
गिरिडीह तक आने-जाने के लिए रेलवे और सड़क मार्ग मुख्य परिवहन के साधन हैं। यह स्थान अच्छी तरह से पश्चिम बंगाल और बिहार के महत्वपूर्ण स्थानों से जुड़ा हुआ है।