1875 में बना रिवरसाइड महल महाराजा भगवत सिंघजी द्वारा अपने पुत्र युवराज भोजराजी के लियी बनवाया गया था। यह महल सुन्दर बगीचे से घिरा है और यहाँ बैठने का उचित इंतज़ाम किया गया है। इस महल को अब एक उच्चतम परंपरागत होटल में बदल दिया गया है।
गोंडल से 6 किलोमीटर की दूरी पर घोघावदार में स्थित है दासी जीवन मंदिर और यह संत दासी जीवन का जन्म स्थान भी है। हर साल यहाँ पर लोग गुजरती नए साल पर इकठ्ठा होते हैं और दासी जीवन के जन्म दिवस को मनाते हैं।
अक्षर मंदिर गोंडल का एक प्रमुख तीर्थ स्थान है जो स्वामी गुनातितानन्द को समर्पित है जो भगवान स्वामी नारायण के पहले उत्तराधिकारी थे। इस अक्षर मंदिर क्र परिसर के अन्दर ही स्वामी की समाधी है जिसे अक्षर देरी भी कहते हैं। हर साल यहाँ भारी तादाद में श्रद्धालू आते हैं और...
गोंडल के रॉयल गराजेज़ विश्व प्रसिद्द हैं और इसका श्रेय जाता है राजसी परिवार को जिनके विशिष्ट कारों का संकलन काफी प्रसिद्ध है। गोंडल पर राज करने वाले कारोके इतने बड़े भक्त थे कि रिवरसाइड महल के परिशर में आज एक संग्रहालय उत्कृष्ट और हैरान कर देने वाली कारों से भरी पड़ी...