सोमनाथ मंदिर ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है। ये पूरे भारत के हिंदूओं के बीच पवित्र और पूजनीय माना जाता है।
सोमनाथ और आसपास के पर्यटन स्थल
मुख्य महादेव मंदिर के अलावा सोमनाथ में सूर्य मंदिर भी है। इस मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में किया गया था और इसमें दो अनुषंगिकों के साथ भगवान सूर्य की प्रतिमा रखी हुई है। यहां के भालुका तीर्थ पर श्री कृष्ण को गलती से एक भील शिकारी ने मार दिया था और देहोत्सर्ग तीर्थ पर भगवान श्री कृष्ण का अंतिम संस्कार किया गया था।
सोमनाथ का समुद्रतट एक और पर्यटन स्थल है। हालांकि आप यहां तैराकी का आनंद नहीं उठा सकते, क्योंकि लहरें काफी खतरनाक होती हैं। फिर भी आप इस समुद्री किनारे पर प्रकृति से जुड़ाव महसूस कर सकते हैं। आप यहां कैमल राइड के साथ-साथ लजीज व्यंजनों का भी आनंद ले सकते हैं।
अगर आप समुद्री किनारे पर तैराकी और दूसरे वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अहमदपुर मांडवी का रुख करना होगा। यह दीव टापू के पास स्थित है और यहां का पानी बिल्कुल साफ है। यहां के खानपान और संस्कृति में आप पुर्तगाली और सौराष्ट्र की झलक देख सकते हैं। इसके अलावा आप सोमनाथ में बौद्ध साना गुफा, मै पुरी मस्जिद और वेरावल भी घूम सकते हैं।
पृष्ठभूमि
ऐसा माना जाता है कि मुख्य मंदिर को स्वंय चंद्रदेव सोम ने सोने से बनवाया था, क्योंकि वह दक्ष प्रजापति के श्रप से मुक्ति पाना चाहता था। इसके बाद इसे सूर्य देवता ने चांदी से और फिर श्री कृष्ण ने इसे लकड़ी से बनवाया। 11वीं शताब्दी में सोलंकी राजपूत ने चलुकयान शैली में पत्थर से एक नए मंदिर का निर्माण करवाया, जिसका शिखर 50 मीटर ऊंचा था।
मंदिर की ऊंचाई काफी भव्य है और इसके दीवारों पर नक्काशी भी की गई है। यहां नंदी की एक प्रतिमा है और बीच में शिवलिंग है, जो कि भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। मुख्य मंदिर के सामने एक विशाल प्रांगण है और इसके टावर पिरामिड जैसे हैं। उपेक्षा के कारण इस मंदिर को मरम्मत की सख्त जरूरत थी।
तब 1951 में सरदार पटेल की पहल पर पुराने मंदिर का नवीनीकरण किया गया, जिसके बाद वर्तमान मंदिर का निर्माण किया गया। सोमनाथ मंदिर 6 बार नष्ट किया गया और वर्तमान मंदिर मूल मंदिर का सातवां पुनर्निमाण है।
भूगोल
सोमनाथ एक तटवर्ती शहर है और सौराष्ट्र के प्रायद्वीप के छोर पर स्थित है। इसके एक तरफ अरब सागर और 6 किमी उत्तर में वेरावल है। यह अहमदाबाद से 407 किमी दूर है।
संस्कृति
सोमनाथ भारत की पौराणिक और धार्मिक विरासत को सहेजे हुए है। यहां लोग बहुत ही धार्मिक हैं और परंपराओं का पूरी आस्था के साथ अनुसरण कर रहे हैं। यहां सभी त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं।
सोमनाथ का मौसम
अरब सागर के करीब होने के कारण सोमनाथ का मौसम सामान्य बना रहता है। गर्मी यहां थोड़ी ज्यादा पड़ती है, पर ठंड का मौसम काफी खुशनुमा होता है। वहीं बरसात के समय यहां तेज हवाओं के साथ बारिश होती है। अक्टूबर से मार्च के बीच सोमनाथ घूमना सबसे अच्छा रहता है।