तानसेन स्मारक जिसे तानसेन की कब्र भी कहा जाता है, ग्वालियर का एक प्रमुख स्मारक है। तानसेन को उनके गुरु मुहम्मद गौस के साथ यहाँ दफनाया गया था। तानसेन अकबर के दरबार के प्रसिद्ध संगीतकार थे। वे हिंदुस्तानी संगीत के बड़े दिग्गज थे। वे अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक थे। उनके गुरु सूफी संत मुहम्मद गौस थे।
तानसेन ने भी सूफी संस्कृति का पालन किया। तानसेन के बारे में पौराणिक कथा यह है कि जब वे मेघ मल्हार राग गाते थे तो बरसात होने लगती थी। तानसेन का स्मारक वास्तुकला की मुग़ल शैली का विशिष्ट उदाहरण है। यहाँ प्रतिवर्ष नवंबर और दिसंबर में तानसेन संगीत समारोह मनाया जाता है जिसमें भारत के महान संगीतकार भाग लेते हैं।