चंदेरी मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले में स्थित है। यह स्थान अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मालवा और बुंदेलखंड की सीमाओं से लगा हुआ है। यहाँ कई ऐतिहासिक स्मारक और प्राकृतिक चमत्कार हैं। यह हरे भरे जंगलों और सुन्दर झीलों से घिरा हुआ है तथा विंध्य की पहाड़ियों पर स्थित है। यह शहर झांसी से 135 किमी. और भोपाल से 205 किमी. की दूरी पर स्थित है।
चट्टानों की नक्काशी से बनाये गए चमत्कारों की भूमि
चंदेरी के ऐतिहासिक स्मारकों से पता चलता है कि इस प्राचीन शहर की स्थापना 11 वीं शताब्दी में हुई थी। इस शहर पर कई राजाओं ने राज्य किया क्योंकि यह गुजरात, सेन्ट्रल इंडिया (केन्द्रीय भारत), दक्कन के बंदरगाहों को जाने वाले रास्ते में स्थित था जो व्यापार के लिए बहुत लाभदायक था। चट्टानों को तराशकर बनाये गए स्मारक विभिन्न समय की इस्लामी वास्तुकला का समृद्ध उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। चंदेरी जैन समुदाय का एक प्रमुख केंद्र भी था और एक महत्वपूर्ण छावनी भी था।
चंदेरी तथा इसके आसपास पर्यटन स्थल
चंदेरी में कई ऐतिहासिक स्मारक हैं जैसे चंदेरी किला, राजा महल, सिंहपुर महल, बादलमहल आदि। यहाँ का एक बड़ा आकर्षण यहाँ प्रतिवर्ष होने वाला एक मेला है जो जागेश्वरी देवी के सम्मान में आयोजित किया जाता है। चंदेरी अपने हस्तकला उद्योग के लिए भी जाना जाता है तथा यहाँ की हाथ से बुनी हुई साड़ियाँ त्रुटिहीन गुणवत्ता की होती है और ज़री की बॉर्डर इसकी विशेषता है।
चंदेरी कैसे पहुंचे
चंदेरी के पड़ोसी शहरों और नगरों से बस या टैक्सी द्वारा चंदेरी पहुंचा जा सकता है। पर्यटक इस शहर तक आसानी से पहुँच सकते हैं और यहाँ रहने के लिए होटल्स, सर्किट हाउस, डाक बंगले और रेस्ट हाउस (विश्राम गृह) उपलब्ध हैं।
चंदेरी की यात्रा के लिए उत्तम समय
यहाँ ठण्ड के मौसम में बहुत बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।