तुंगभद्रा नदी दक्षिण भारतीय प्रायद्वीप की एक पवित्र नदी है जो कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश में बहती है। हम्पी तुंगभद्रा नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। इस नदी का जन्म तुंगा और भद्रा नदियों के मिलन से होता है, जो इसे तुंगभद्रा नदी का नाम देती हैं। इस तुंगभद्रा नदी पर (हम्पी की दक्षिण पश्चिम दिशा में 20 किमी दूर) एक विशाल बांध का निर्माण किया गया है साथ ही यह बांध पनबिजली परियोजना का भी एक हिस्सा है।
प्राचीन काल में, विजयनगर वंश के राजाओं ने सिंचाई के लिए कई नहरों और जलसेतु का निर्माण कर इस नदी का इस्तेमाल किया। जल संभरण व्यवस्था का एक कुशल तंत्र महल के मानव निर्मित पानी के पिंड़ों को भरने में मदद करता था। आज भी कुछ प्राचीन नहरों का इस्तेमाल आसपास के खेतों में स्थानीय लोगों द्वारा सिंचाई के लिए किया जाता है। यह हम्पी का एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है और हर साल अपने किनारों की ओर भारी भीड़ को आकर्षित करता है।
पहले तुंगभद्रा नदी पंपा के नाम से जानी जाती थी। एक आम धारणा के अनुसार, ब्रह्मा की बेटी पंपा ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनसे पंपापति अर्थात् पंपा का पति के नाम से शादी करने का फैसला लिया। हम्पी का नाम पंपा की कहानियों में भी उत्पन्न होता है। तुंगभद्रा नदी को देखने आने वाले पर्यटक भगवान शिव की अनगिनत मूर्तियों को खोज सकते हैं।