हरे भरे जंगल, गगनचुम्बी झरना और अनूठे पुराने मंदिर, उत्तर कर्णाटक के सिरसी को एक प्रचलित घूमने का स्थान बनाते हैं। ये शहर जो पश्चिमी घाट के हृदय में बसा है, बंगलुरु शहर से 407 किलोमीटर पर स्थित है।
सिरसी के दर्शनीय स्थल - सिरसी के आस पास के पर्यटन स्थल
सिरसी एक छोटी प्राकृतिक जगह है। अघनासिनी नदी अपनी यात्रा सिरसी के पास दोनिहल्ला से शुरू करती है। यह नदी सिरसी के पहाड़ी पत्थर से होते हुए भव्य झरना उत्पन्न करता है। यह शहर भारी मानसूनी हवा के साथ बारिश और वन्य जीवों से भरा हुआ कीमती उष्णकटीबंधी यानी ट्रॉपिकल जंगल के लिए भी मशहूर है। प्राकृतिक सुन्दरता ही है जो सिरसी को एक निपुण सैरगाह बनाती है।
यहाँ का सबसे प्रसिद्द मंदिर सोलहवीं शताब्दी का मरिकम्बा मंदिर है। लाखों श्रद्धालु वार्षिक मेले को देखने आते हैं। महा गणपति मंदिर भी समान रूप से प्रचलित है। किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले भक्तजन मंदिर में आकर प्रभु की सलाह लेते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो प्रभु की सलाह लेते हैं वह कभी निराश नहीं होते।
दूसरे घूमने लायक चर्चित स्थान हैं बनवासी, सहस्रालिंगा और उन्चाल्ली झरना। बनवासी प्राचीन नगर है जो पहले कर्नाटक की राजधानी हुआ करती थी। सहस्रालिंगा के अन्दर घने जंगले के बीच पानी में डूबे हज़ारों शिवलिंग हैं।
कैसे जाएं सिरसी
सिरसी पहुंचना आसान है। नज़दीकी हवाईअड्डा करीबन 100 किलोमीटर दूर हुबली में है और ये क्षेत्र सड़क से भी जुड़ा है।
सिरसी जाने का सबसे अच्छा समय
सर्दियों में सिरसी जाएं। सर्दियां सिरसी कि यात्रा का सबसे अच्छा मौसम है।