रामराई या रामराय एक जाट बहुल गाँव है जो जींद जिले के पश्चिमी भाग में जींद-हंसी रोड पर आठ किमी दूर स्थित है। इस गाँव का नाम राम्हरादा से पड़ा है जो एक तालाब है। इस तालाब का निर्माण गुस्सैल योद्धा संत परशुराम ने किया था।
वामन पुराण के अनुसार, राम्हरादा को रामराइ गाँव के साथ पहचाना जाता है जो जींद के पास स्थित है। यहाँ भगवान् परशुराम ने अपने पूर्वजों को संतुष्ट करने के लिए इतने क्षत्रियों और हैहयों को मारा कि पाँचों तालाब खून से भर गए। खून, तालाब में पानी की तरह बहने लगा। इसलिए राम्हरादा मंदिर के तालाब में स्नान करना बहुत पवित्र माना जाता है और ऐसा विश्वास है कि इससे धार्मिक योग्यता बढ़ती है।
पास ही भगवान् परशुराम को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। मंदिर में स्थित मूर्ती की नियमित रूप से पूजा की जाती है। रामराइ एक प्राचीन गाँव है और आसपास के लोगों के लिए यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। साल भर भक्त यहाँ बड़ी संख्या में आते हैं।