सिद्धनाथ शिव मंदिर तखत सागर की पहाड़ियों के बीच स्थित है। मंदिर मार्ग एक कच्चे रास्ते से शुरू होता है जो जोधपुर के फिल्टर हाउस के दाईं ओर से जाता है। इसके बाद इस मंदिर तक पहुंचने के लिये सीढ़ियाँ पड़ती हैं जिन्हें चट्टानों को काटकर बनाया गया है।
इस मंदिर का इतिहास प्राचीन काल का है जब जगह पूरी तरह से सुनसान था। बिल्कुल शांत जगह के कारण, वीतराग नारायण स्वामी नाम के एक साधु जो आस - पास के क्षेत्र में अत्यधिक सम्मानित संत थे, यहाँ रहने लगे। बाद में गौरीशंकर नाम के एक और संत भी इस जगह आये।
वे विकलांग थे और उनके केवल चार उंगलियाँ थीं और जो बाद में 'नेपाली बाबा' के रूप में प्रसिद्ध हो गये। उन्होंने अपने दम पर पत्थरों को काट कर एक बड़ा मंदिर यहाँ बनाया। यह मंदिर अब सिद्धनाथ शिव मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है।