कामाक्षी मन्दिर कामीक्षी देवी को समर्पित है जिन्हें हिन्दू देवी पार्वती का स्वरूप माना जाता है। सम्भवतः मन्दिर को लगभग 6ठी शताब्दी में पल्लव वंश के शासकों द्वारा निर्मित कराया गया था।
मन्दिर की अनोखी बात यह है कि मन्दिर की इष्टदेवी देवी कामाक्षी खड़ी मुद्रा में होने के बजाय बैठी मुद्रा में हैं। देवी योग मुद्रा में बैठी हैं और उनके आसपास बहुत शान्त और स्थिर वातावरण है। आश्चर्य की बात यह है कि शहर में यह अकेला मन्दिर है जो देवी पार्वती को समर्पित है फिर भी हिनदुओं में काफी लोकप्रिय है।
मन्दिर के कई हिस्सों को पुनः निर्मित कराया गया है क्योंकि मूल संरचनायें या तो प्राकृतिक आपदा में नष्ट हो गये या फिर इतने समय तक खड़े न रह सके। हलाँकि काँचीपुरम के सभी शासकों ने भरपूर प्रयास किया कि मन्दिर अपने मूल स्वरूप में बना रहे। लेकिन खास परख रखने वाले लोग मन्दिर की वास्तुकला में मन्दिर के निर्माण के समय की दीवारों पर मूल कार्यों को पहचान सकते हैं।