(संतराम मंदिर, देवी लक्ष्मी मंदिर, श्री सत्यनारायण मंदिर, पुनीतआश्रम, गायत्री मंदिर, महाप्रभुजी नी बैठक) : डाकौर में बहुत बड़ी संख्या में मंदिर हैं अत: इसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। यहाँ के कुछ प्रसिद्ध मंदिर हैं : संतराम मंदिर, देवी लक्ष्मी को समर्पित बड़ा और...
खेड़ा हनुमान मंदिर हनुमान टेकरो या हनुमान पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण खेड़ा के शासक राजा मयूरध्वज ने करवाया था।
स्वामी नारायण मंदिर खेड़ा के एक छोटे से गाँव वद्तल में स्थित है। विभिन्न भागों से भक्त यहाँ पूजा करने और दर्शन करने आते हैं।
रंछोद्रई मंदिर खेड़ा के डाकौर जिले में गोमती नदी के किनारे स्थित है। किले की दीवार के बीच में यह मंदिर आठ गुम्बदों से मिलकर बना है जिनमें से केंद्रीय गुंबद की ऊंचाई 27 मीटर है। रंछोद्रई मंदिर जिले का सबसे ऊंचा मंदिर है जो सुनहरे कलश और रेशम के सफ़ेद ध्वज से सुसज्जित...
हरि ओम आश्रम डाकौर के पास बिलोरदा में स्थित एक सुंदर आश्रम है जहाँ हमेशा शांति रहती है। यह ऊंचें वृक्षों से घिरा हुआ है जहाँ “मौन मंदिर” बनाये गए हैं जो कि छोटे कक्ष हैं जहाँ लोग शांति प्राप्त करने के लिए स्वेच्छा से आते हैं और शांति से आराम करते...
खेड़ा के इस मंदिर की सैर अवश्य करनी चाहिए। लगभग एक शताब्दी पुराना यह महालक्ष्मी मंदिर वत्रक नदी के पास खेड़ा में स्थित है। पवित्र गर्भगृह में देवी महालक्ष्मी की मूर्ति स्थापित है जो शुद्ध सफ़ेद संगमरमर से बनी है।
यह झील वद्तल गाँव में स्थित है और खेड़ा में पर्यटन का एक आकर्षण है। किवदंती है कि भगवान कृष्ण के साथ यात्रा के दौरान जंगल के जानवरों और वहां रहने वाले लोगों के लिए भीमसेन ने पानी के एक छोटे तालाब को बड़ी झील बना दिया।
यह झील डाकौर मंदिर के सामने स्थित है तथा...