म्यूज़ियम ऑफ केरल हिस्ट्री जिसे माधवन नायर फाउन्डेशन के नाम से भी जाना जाता है, केरल का समृद्ध और विविधतापूर्ण इतिहास प्रदर्शित करता है। कोच्चि के हृदयस्थल से 10 किमी. की दूरी पर स्थित यह संग्रहालय भगवान के स्वयं के देश की एक झलक को पाने का उत्तम तरीका है।
संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर आप परशुराम की आदमकद मूर्ति देखेंगे जो भगवान विष्णु के छटवें अवतार थे। किवदंतियों के अनुसार केरल का उदभव समुद्र से हुआ है जब परशुराम ने अपनी कुल्हाड़े अरब सागर में फेंक दी थी। संग्रहालय की चार दीवारों में राज्य के जन्म से लेकर आधुनिक समय तक का इतिहास कैद है।
केरल का 2000 वर्ष पुराना इतिहास प्रकाश और ध्वनि शो के माध्यम से शानदार तरीके से प्रस्तुत किया जाता है। चाहे आप इतिहासकार हों या बच्चे हों, एक घंटे का यह शो एक नजारा है जो प्रत्येक यात्री अपने शेष जीवन के लिए सँजो कर रखता है।