मूकाम्बिका मंदिर को कोलापुरा के 'आदि महालक्ष्मी' मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, जो कोल्लूर में अवश्य देखे जाने वाले धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर घने जंगलों के मध्य शानदार पर्वत श्रृंखला के सामने स्थित है। इसकी संरचना प्राचीन हिंदू संस्कृति को दर्शाती है और इसे एक वास्तुकला के चमत्कार के रूप में माना जाता है।
इस मंदिर में एक ज्योतिर्माया लिंग स्थित है जिसके बीच में एक स्वर्ण रेखा है जो शक्ति का एक चिन्ह है। यह लिंग तीन आँखों वाली देवी मूकाम्बिका की प्रतिमा के सामने स्थापित है। इस प्राचीन मंदिर में एक पवित्र सिद्दी क्षेत्र भी है जिसके साथ कई कहानियां जुड़ी हुई हैं। नवरात्रि के दौरान, मंदिर में सरस्वती पूजा आयोजित की जाती है जिसका हिस्सा बनने सैकड़ों तीर्थयात्री आते हैं।
मूकाम्बिका मंदिर को फूलों से सजाया जाता है और तीर्थयात्री लिंग और मूर्ति की पूजा करने से पहले पवित्र स्नान करते हैं।