बाघ की गुफाओं को एक हिंदू मंदिर के तौर पर जाना जाता है जो चट्टान को काटकर बनाया गया है। यह मंदिर महाबलीपुरम में स्थित है और इस स्थान को सालुवनकुप्पम के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में यानि गुफा के द्वार पर एक बाघ का मुंह बना हुआ है जो यहां के नाम होने का प्रमुख कारण स्पष्ट रूप से समझ में आता है।
इस मंदिर को पल्लव वंश के दौरान 8 वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यह एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है और पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण केंद्र भी है। इस स्थान की देखभाल वर्तमान समय में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग कर रहा है। वर्ष 2005 में, इस मंदिर के एक शिलालेख को इस परिसर से पास में रख दिया गया था, जो संगम काल के सुब्रमण्य मंदिर की खोज का कारण बना।
इस मंदिर से समुद्र तट की दूरी ज्यादा नहीं है। कार पार्किंग के 10 रूपए लगते है और यहां के सुंदर नजारों को आसानी से देखा जा सकता है।