सिरकाजी, तमिलनाडु के नागपट्टनम जिले में बंगाल की खाड़ी के तट से 10 किमी दूर स्थित है। यह बहुत सारे हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। सिरकाजी एक शांतिपूर्ण दक्षिण भारतीय शहर है, एवं इसका अतीत बड़ा ऐतिहासिक है, तथा अब यह अपने पारंपरिक दक्षिण भारतीय ग्रामीण आस्थाओं एवं अनुष्ठानों को कायम रखने के साथ-साथ अपने पर्यटन तथा अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित कर रहा है तथा एक आधुनिक एवं प्रगतिशील स्थान हो गया है। किंवदंतियों और पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस गांव में भगवान ब्रह्मा नें भगवान शिव, 64 की आराधना की थी( इसलिए ब्रह्मापुरीश्वरार के नाम में प्रसिद्ध), जिन्होंने धरती को बाढ़ के प्रलय से बचाया था।
सिरकाजी तथा आसपास के पर्यटक स्थल
इसी कारण से इस गांव में भगवान शिव के विभिन्न रूपों की पूजा होती है तथा पूरे गांव में उनके प्रत्येक रूप को समर्पित अनेक मंदिर हैं। चूंकि भगवान शिव नें रक्षा हेतु एक बेड़े या नाव का इस्तेमाल किया था, इसलिए सिरकाजी को टोन्जापर या टोनीपुरम, टोनी, तमिल में इसका मतलब नाव, भी कहा जाता है। सिरकाजी, जो एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, में न केवल तमिलनाडु राज्य से बल्कि पूरे देश से हजारों श्रद्धालु यात्रा करते हैं।जनवरी में तीन दिन तक चलने वाला रंगारंग समारोह मकर पोंगल देखने को मिलता है।
सिरकाजी मौसम
भगवान शिव को समर्पित अनेकों मंदिरों का शहर होने के नाते,सिरकाजी में फरवरी माह में महाशिवरात्रि त्यौहार के अवसर पर शिव जी की पूजा-अर्चना के लिए सबसे ज्यादा भीड़ जुटती है। अक्टूबर/नवम्बर में दीपावली के दौरान, पूरा शहर त्यौहार की खुशी में रोशनी से जगमगा उठता है।
सिरकाजी कैसे पहुंचे
इस स्थान के लिए सम्पर्क सुविधाएं काफी अच्छी हैं।