इडुपालया दुर्गा भवानी गुडी एक श्राइन है जो देवी दुर्गा भवानी को समर्पित है। यह मेडक में ही स्थित है और महाराष्ट्र व कर्नाटक राज्य के काफी समीप है। इस स्थान को न केवल यहां के मंदिर के कारण जाना जाता है बल्कि यहां बनने वाले प्राकृतिक पत्थरों के कारण भी जाना जाता है। इडुपालया का अर्थ होता है सात धाराएं, यह एक तमिल शब्द है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अर्जुन के पौत्र राजा जन्मजेय ने यहां सर्पयागम का प्रदर्शन किया था या अपने पिता को बचाने के लिए सभी सापों को अग्नि में दाह करने का प्रणाम लिया था। सर्पयागम को इसी मंदिर में किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि यहां राख की मोटी परत, मंजीरा नदी के काफी नीचे दफन है और जब बांध बनाने के दौरान इसे पाया गया।
जतारा यहां लगने वाला मेला है जो हर साल शिवरात्रि के दौरान लगता है। इस मेले में पडोसी राज्य के कई पर्यटक भी शामिल होने आते है।