मेडक एक नगर निगम शहर है जो आंध्र प्रदेश राज्य के मेडक जिले में स्थित है और यह राज्य की राजधानी हैदराबाद से 100 किमी. की दूरी पर स्थित है। मेडक के साथ बेहद दिलचस्प इतिहास जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि इस शहर का मूल नाम सिद्धपुरम था, जिसे बाद में बदलकर गुलशानबाद कर दिया गया। काकतीय राजवंश के शासनकाल के दौरान यह शहर प्रगति पर था।
वास्तव में, काकतीय राता प्रताप रूद्र ने मेडक को बचाने के लिए शहर के आसपास एक दुर्ग का निर्माण भी करवाया था। इस गढ़ का निर्माण एक पहाड़ी के ऊपर किया गया था और इसका नाम मेथुकुरूदुरूगम रख दिया गया था। स्थानीय लोगों के द्वारा इसे मेथुकुस्सीमा कहकर पुकारा जाता है। मेथुकू एक तमिल शब्द है जिसका अर्थ होता है चावल पकाना।
बाथुकम्मा पादुगा, शरद ऋतु त्यौहार
मेडक, आसपास के कस्बों और शहरों के बीच बहुत लोकप्रिय है जहां कई त्यौहार बेहद धूमधाम से मनाएं जाते है। वास्तव में, आंध्र प्रदेश में मनाएं जाने वाले समस्त त्यौहार, मेडक में धूमधाम से मनाएं जाते है और इस उत्सवों के दौरान दूर - देश के पर्यटक सैर करने आते है। इस शहर का सबसे प्रसिद्ध शहर बाथुकम्मा है जिसे बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।
यह त्यौहार तेलंगाना क्षेत्र में मनाया जाता है, इसे सिर्फ महिलाएं ही मनाती है। इस त्यौहार केा नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है जिसमें देवी गौरी की आराधना की जाती है। देवी गौरी को बाथकुम्मा के रूप में तेलंगाना में पूजा जाता है। बाथकुम्मा का अर्थ होता है - जीवित देवी। यह एक शरद ऋतु का त्यौहार है जिसे पूरे नौ दिन तक धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार का अंत दशहरे से एक दिन पूर्व होता है।
मेडक और उसके आसपास स्थित पर्यटन स्थल
मेडक एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है और यहां आसपास के प्रांतों से भी भारी संख्या में पर्यटक आते है। इस शहर में एक साई बाबा मंदिर है जिसे साई बाबा के भक्तों के द्वारा बनवाया गया है। यहां एक गोट्टम गुट्टा भी है, जो मेडक का एक छोटा सा गांव है जहां एक सुंदर सी झील और कई खूबसूरत मंदिर स्थित है।
यहां का पोचरम जंगल और वन्यजीव अभयारण्य, पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है। यहां आकर पर्यटक प्रवासी पक्षी और वन्य जीव देख सकते है, लेकिन पहले स्थान का उपयोग हैदराबाद के निजाम के द्वारा शिकार स्थल के रूप में किया जाता था।यहां का अन्य प्रसिद्ध पर्यटक स्थान, सिंगुर बांध है जो स्थानीय लोगों के लिए प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है।
यहां का निजाम सागर बांध भी दर्शनीय है, जो मेडक के काफी नजदीक स्थित है। बांध, मंजीरा नदी पर बना हुआ है। पास में मंजीरा वन्यजीव और पक्षी अभयारण्य स्थित है। इस अभयारण्य में कई प्रवासी पक्षी होते है। यहां आप किसी भी मौसम में आ सकते है।
मेडक में त्यौहार पर्यटन
मेडक और उसके आसपास के क्षेत्रों में कई पर्यटन स्थल मौजूद है। यहां कई मंदिर भी स्थित है। यहां के सबसे प्रसिद्ध मंदिर, सरस्वती क्षेत्रमु मंदिर, वेलूपुगोंदा श्री तुमबारूंथा देवालयम, इडुपालया दुर्गा भवानी गुडी आदि है। यहां हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक दर्शन करने आते है। त्यौहारों के दौरान, इस शहर में कई धार्मिक गतिविधियां होती है। इस शहर में हिंदू जनसंख्या काफी ज्यादा है और इसीकारण यहां उत्सवों और त्यौहारों को अधिक धूमधाम से मनाया जाता है। यह वाकई में आश्चर्य की बात है कि छोटा सा शहर एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
मेडक की सैर का सबसे अच्छा समय
मेडक की सैर का सबसे अच्छा समय अक्टूबर, नबंवर, दिसम्बर, जनवरी और फरवरी है।
मेडक कैसे पहुंचे
मेडक तक एयर, रेल और सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।