बिहार स्कूल ऑफ योग की स्थापना स्वामी सत्यानंद ने 1964 में की थी। यह स्कूल पूरे विश्व में योग के निर्देशों के लिए प्रसिद्ध है। इस स्कूल में योग तथा व्यक्तित्व को निखारने में योग का उपयोग सिखाया जाता है। यह सुंदर स्कूल गंगा नदी के किनारे स्थित है जहाँ पूरे विश्व से विद्यार्थी आते हैं जहाँ जाति, समुदाय और राष्ट्र के नाम पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता।
योग सिखाने की संपूर्ण प्रणाली का उद्देश्य मानव जीवन के शारीरिक, मानसिक और आत्मिक पहलुओं के बीच संतुलन स्थापित करना है। योग के लाभ सर्वज्ञात हैं अत: स्कूल का उद्देश्य बिहार स्कूल ऑफ योग में विकसित की गई योग की सूक्ष्म तकनीकों के माध्यम से जागरूकता प्रदान करना है।
ये तकनीक केवल बिहार तक ही सीमित नहीं है परंतु इसका उपयोग विभिन्न कॉलेजों, जेलों, अस्पतालों और अन्य कई संस्थाओं में किया जाता है। यह स्कूल अनेक संस्थाओं और मेडिकल शोध में योग का प्रशिक्षण भी देता है।