रामटेक किला अपने साथ जुड़ी पौराणिक कहानी के लिए प्रसिद्ध है। किंवदंती है कि भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ इसी जगह पर विश्राम किया था। यह मंदिर छह सदियों से भी पुराना है, यही बैठ कर कालीदास ने अपना महाकाव्य मेघदूत लिखा था।
रामटेक, नागपुर से 50 किमी. दूर है। यह जन्नत सी जगह शहर के शोर से अलग है और सुकुन प्रदान करता है।