Search
  • Follow NativePlanet
Share
होम » स्थल » नारनौल » आकर्षण
  • 01मंडोला

    मंडोला

    मंडोला को संत बाबा केसरिया के कारण प्रसिद्धि मिली। उनकी पूजा बड़ी श्रद्धा के साथ की जाती है और उनकी याद में प्रतिवर्ष सितम्बर के महीने में एक मेला भी भरता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस व्यक्ति को सांप काट लेता है वह भी यहाँ आकर ठीक हो जाता है।

    + अधिक पढ़ें
  • 02शाह क़ुली खान की कब्र और त्रिपोलिया

    शाह क़ुली खान की कब्र और त्रिपोलिया

    त्रिपोलिया दरवाज़े का निर्माण ईसा पश्चात 1589 में अकबर के शासन काल के दौरान राज्यपाल शाह क़ुली खान ने करवाया था जो उनके उद्यान का मुख्य प्रवेश द्वार था। इस उद्यान के तीन अन्य प्रवेश द्वार हैं। इसके अलावा यहाँ शाह क़ुली खान की कब्र भी है जिसका निर्माण उन्होंने स्वयं...

    + अधिक पढ़ें
  • 03मोदावाला मंदिर

    मोदावाला मंदिर

    नारनौल – रेवारी रोड पर बस स्टैंड के पास स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। नारनौल का केवल यह ही एक ऐसा मंदिर है जो परिवार के सभी सदस्यों को आकर्षित करता है जहाँ वे भगवान शिव तथा अन्य हिंदू देवी देवताओं की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि एक व्यक्ति जब...

    + अधिक पढ़ें
  • 04धौसी हिल

    धौसी हिल नारनौल से लगभग 5 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह स्थान वास्तव में एक विलुप्त ज्वालामुखी है और आज भी यहाँ लावा पाया जाता है। हालाँकि इसकी प्रसिद्धि का एक कारण यह भी है कि यहाँ वैदिक काल के ऋषि च्यवन का आश्रम भी है। ऐसा विश्वास है कि यह वही स्थान है जहाँ...

    + अधिक पढ़ें
  • 05इब्राहिम खान की समाधि

    यह समाधि शेर शाह सूरी के दादाजी इब्राहिम खान की याद में बनाई गई है जिन्होनें बंगाल पर शासन किया। इस कब्र का निर्माण शेख़ अहमद नियाज़ी ने करवाया था जो शेर शाह सूरी के निजी वास्तुकार थे। इसे प्रचलित पर्शियन शैली की वास्तुकला में बनाया गया है।

    + अधिक पढ़ें
  • 06बरंवास

    बरंवास

    बरंवास नारनौल से लगभग 25 किमी. की दूरी पर हरियाणा – राजस्थान सीमा के पास स्थित है। इसकी प्रसिद्धि का प्रमुख कारण बाबा रामेश्वर दास का मंदिर है। यह मंदिर गाँव में बना हुआ है – हालाँकि इसकी मुख्य दीवार राजस्थान के टिब्बा बसाई गाँव में आती है। यह मंदिर...

    + अधिक पढ़ें
  • 07इब्राहिम खान सूर की कब्र

    इब्राहिम खान सूर की कब्र

    इस कब्र का निर्माण शेर शाह सूरी के दादाजी इब्राहिम सूरी की पवित्र याद में किया गया है जो बंगाल के शासक थे। इस कब्र का निर्माण शेर शाह सूरी के निजी वास्तुकार शेख अहमद नियाज़ी ने किया था। यह स्मारक पर्शियन शैली में बना है और उस समय की वास्तुकला को प्रदर्शित करता है।

    + अधिक पढ़ें
  • 08कांति

    कांति

    कांति गाँव में दो महान संतों बाबा नरसिंह दास और बाबा गणेश दास का जन्म हुआ था। बाबा नरसिंह दास के आशीर्वाद से राजा को एक पुत्र और एक पुत्री हुई। बाद में राजा ने बाबा के सम्मान में एक मंदिर बनवाया जहाँ संगमरमर के पत्थर से बनी हुई एक समाधि और एक सरोवर है। बसंत पंचमी...

    + अधिक पढ़ें
  • 09सेहलोंग

    सेहलोंग

    मंडोला की तरह सेहलोंग का भी धार्मिक महत्व है। खिमाग देवता की याद में यहाँ प्रतिवर्ष जनवरी – फरवरी के महीने में एक मेला लगता है। ऐसा विश्वास है कि यदि कुष्ठरोग से पीड़ित कोई व्यक्ति यहाँ आकर ज्योत जलाता है तो उसका कुष्ठरोग ठीक हो जाता है।

    + अधिक पढ़ें
  • 10खालदा वाले हनुमानजी

    खालदा वाले हनुमानजी

    जैस कि नाम से पता चलता है यह मंदिर हिंदू भगवान हनुमान को समर्पित है। नारनौल – सिंघाना रोड़ पर स्थित इस मंदिर के आसपास का दृश्य सुहावना है और यह चारों ओर से पहाड़ों और हरियाली से घिरा हुआ है। अरावली की पहाड़ियों पर भगवान हनुमान की मूर्ति का प्रभुत्व दिखाई देता...

    + अधिक पढ़ें
  • 11गुरुकुल खानपुर

    गुरुकुल खानपुर

    गुरुकुल खानपुर गाँव में नारनौल – नांगल चौधरी रोड पर स्थित है। आर्श गुरुकुल के नाम से प्रसिद्ध इस गुरुकुल का प्रबंधन आचार्य प्रद्युमन जी महाराज के द्वारा किया जाता था जो संस्कृत और वैदिक परम्पराओं के प्रसिद्ध गुरु थे। प्रसिद्ध योग गुरु स्वामी रामदेव ने अपनी...

    + अधिक पढ़ें
  • 12महासर

    महासर

    महासर एक सुंदर गाँव है जहाँ मार्च अप्रैल के महीने में ज्वाला देवी मेला लगता है। मेले के दौरान भक्त देवी ज्वाला की पूजा करते हैं और उन्हें शराब का प्रसाद चढ़ाते हैं। लोग अपने बच्चों का मुंडन संस्कार करने के लिए भी इस मंदिर की सैर करते हैं।

    + अधिक पढ़ें
  • 13मिर्ज़ा जान की बावली

    बावली का अर्थ पानी का कुआं होता है। मिर्ज़ा अली जान की बावली नारनौल के उत्तर में स्थित है जिसका निर्माण मिर्ज़ा अली जान ने किया था जो अकबर के शासन काल के दौरान नारनौल के नवाब थे। यह कुआं छोटा बड़ा तालाब से घिरा हुआ है। मुख्य इमारत का प्रवेशद्वार धनुषाकार है जिसमें एक...

    + अधिक पढ़ें
  • 14कमानिया

    कमानिया

    यह एक छोटा पर सुंदर गाँव है जो नारनौल से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गाँव राम मंदिर के लिए प्रसिद्ध है और पूरे वर्ष भक्तों को आकर्षित करता है।

    + अधिक पढ़ें
  • 15बागोट

    बागोट

    बागोट का बहुत धार्मिक महत्व है। यह महेंद्रगढ़ से लगभग 25 किमी. की दूरी पर स्थित है। इसके प्रसिद्ध होने का प्रमुख कारण यहाँ का शिव मंदिर है। शिवरात्रि के धार्मिक अवसर पर यहाँ बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। अनेक लोग अपनी इच्छापूर्ति के लिए यहाँ आते हैं। जब उनकी...

    + अधिक पढ़ें
One Way
Return
From (Departure City)
To (Destination City)
Depart On
25 Apr,Thu
Return On
26 Apr,Fri
Travellers
1 Traveller(s)

Add Passenger

  • Adults(12+ YEARS)
    1
  • Childrens(2-12 YEARS)
    0
  • Infants(0-2 YEARS)
    0
Cabin Class
Economy

Choose a class

  • Economy
  • Business Class
  • Premium Economy
Check In
25 Apr,Thu
Check Out
26 Apr,Fri
Guests and Rooms
1 Person, 1 Room
Room 1
  • Guests
    2
Pickup Location
Drop Location
Depart On
25 Apr,Thu
Return On
26 Apr,Fri