मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान नीलगिरी पठार के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह उद्यान ऊटी हिल स्टेशन के पश्चिम में स्थित है तथा पश्चिमी घाटों का एक भाग है। इस उद्यान की स्थापना का मुख्य उद्देश्य नीलगिरी तहर को बचाना था जो मुख्य शिला प्रजाति है। इस राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज (विश्व विरासत) का महत्व भी प्राप्त हुआ है क्योंकि यह पश्चिमी घाटों का एक भाग है।
मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान कुछ स्थानों पर उठा हुआ है और ये उठाव 4900 फीट से 8625 फीट तक हैं। इस उद्यान की प्रसिद्ध चोटियाँ कोल्लारीबेट्टा चोटी, मुकुर्थी चोटी और नीलगिरी चोटी हैं। ये तीन उद्यान की सबसे ऊँची चोटियाँ है। इनकी ऊँचाई पठारों की ऊंचाई से भी अधिक है। इन चोटियों की विशेषता यह है कि ये ग्रेनाईट की चट्टानों से बनी हैं।
यदि आप इस पार्क में भ्रमण कर रहे हैं तो आपको मुकुर्थी बाँध की सैर करना नहीं भूलना चाहिए जो पहाड़ियों की तलहटी में बना है। इस बाँध का निर्माण ग्लेंमोर्गन गाँव में चलने वाली पयकारा जल विद्युत् परियोजना के उप विभाग के रूप में किया गया है।