चोट्टानिकारा केरल के मध्य में स्थित एक सुंदर गांव है। एर्नाकुलम जिले में कोच्चि के उपनगरीय इलाके में स्थित, यह जगह कई लाखों लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ी है। यह कसबा केरल के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है और कई भक्तों को हर साल आकर्षित करता है। यह शांत और स्थिर जगह तीर्थयात्रियों की तलाश को पूरा करती है और अपने शरीर और दिमाग दोनों को तरो ताज़ा करने वाला अनुभव प्रदान करती है।
चोट्टानिकारा के आस पास के आकर्षण
एक यात्री को प्रसन्न करने के लिये इस छोटे से गांव में कई आकर्षण हैं। चोट्टानिकारा मंदिर, चोट्टानिकारा भगवती मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, जो इस जगह का प्रमुख आकर्षण है। यह मंदिर कई सदियों पुराना है और हिंदू देवी माँ भगवती को समर्पित है। मंदिर की वास्तुकला शानदार है, विश्वकर्मा स्थापतिस (लकड़ी की मूर्ति) की भव्यता को प्रमाणित करती है। चोट्टानिकारा माकम तोझल मंदिर का प्रसिद्ध धार्मिक त्योहार है जो भक्तों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करता है।
पुरातत्व संग्रहालय, पूर्वकालीन त्रिपुनितुरा पर्वत महल, चोट्टानिकारा का एक और प्रमुख आकर्षण है। पुरातत्व कलाकृतियां जो कि कोच्चि के राज्य से सम्बन्ध रखती हैं यहाँ भव्यता के साथ प्रदर्शित की गयी हैं। कडुथुरुति शिव मंदिर और पूर्णात्रयेसा मंदिर दो मुख्य मंदिर हैं जो यहां आने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। तटबंधित झील, कडुथुरुति शिव मंदिर के आसपास के क्षेत्र में स्थित है, जो मंदिर जाने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती है।
भक्ति में व्याप्त संस्कृति
चोट्टानिकारा मंदिर और अन्य प्रसिद्ध मंदिरों के अस्तित्व ने चोट्टानिकारा के गांव में एक अनूठी संस्कृति के उद्भव में योगदान दिया है। भक्ति की एक हवा गांव में घुली हुई है, अंतहीन भजनों और इन मंदिरों से बहते हुए प्रवचनों से इसे सुना जा सकता है। इन मंदिरों के विभिन्न त्योहार और समारोह चोट्टानिकारा को उत्सवी चेहरा प्रदान करते हैं। लगभग पूरे साल यह जगह आध्यात्म का केन्द्र बनी रहती है एवं भक्तों से भरी रहती है।
ओणम के मौसम के दौरान आयोजित तिरुवोणम भोज, नवरात्रि अघोषम (नवरात्रि महोत्सव), वृश्चिक मंडल महोत्सवम, त्रिकार्तिक महोत्सव, रामायण मासम और उत्तरम आरत्तु चोट्टानिकारा में मनाये जाने वाले प्रमुख समारोह एवं त्योहार हैं। चोट्टानिकारा मंदिर के वार्षिक उत्सव पर एक सवारी निकलती है, जिसमें सबसे आगे सात बड़े दातों वाले सजे हुए हाथी होते हैं और पीछे लंबी कतार यह एक ऐसा दृश्य होता है जिसे यहां आने वाला कोई भी व्यक्ति छोड़ना नहीं चाहेगा।
बेहतरीन मौसम वाला एवं पहुंचने में सुगम
चोट्टानिकारा में लगभग पूरे साल तक के लिए एक उष्णकटिबंधीय जलवायु का आनंद ले सकते हैं। गर्मियां सूखी और मॉनसून नम रहता है। मंदिरों के इस गांव में घूमने के लिए सबसे अच्छा मौसम अगस्त से मार्च तक का है। यात्री क्षेत्र के उत्सव के अनुरूप भी अपनी यात्रा की योजना बना सकते हैं। चोट्टानिकारा कोच्चि के बाहरी इलाके में स्थित होने के कारण, यहां आसानी से आया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति कोच्चि के आसपास अन्य पर्यटन स्थल घूमने के विकल्प के साथ चोट्टानिकारा के लिए अपनी यात्रा प्लान कर सकता है। चोट्टानिकारा से निकटतम रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा कोच्चि है और यहां से नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
एक शांत जगह और एक सस्ता गंतव्य
कई अन्य दक्षिणी गांवों की तरह,चोट्टानिकारा भी भव्य हरियाली से समृद्ध है। सड़क मार्ग से जाने पर रास्ते में हरे भरे मैदान देखे जा सकते हैं। सड़क के दोनों ओर लगे हुये नारियल के ताड़ इस जगह को सौम्य हवा प्रदान करते हैं। इस गांव में लोगों का दैनिक जीवन विश्वासों और प्रार्थनाओं में गुंथा हुआ है। यह माना जाता है अगर तीर्थयात्री लगातार 12 दिनों तक मंदिर की यात्रा करते हैं तो चोट्टानिकारा की एक तीर्थ यात्रा जीवनकाल का आशीर्वाद प्रदान करती है।
जो यात्री चोट्टानिकारा जाते हैं वे अन्य प्रमुख पर्यटन विकल्पों का भी भ्रमण करते हुए इस यात्रा को सुखद बनाते हैं। चोट्टानिकारा के आस-पास कई अन्य आकर्षण हैं। यहां के आस-पास के क्षेत्रों में त्रावणकोर उर्वरक, मट्टनचेरी बंदरगाह, वैकम महादेव मंदिर और एर्नाकुलाथप्पन मंदिर जैसे आकर्षण घूमने लायक हैं। ठहरने के लिये सस्ते होटल अथवा धर्मशाला और सस्ता परिवहन उन सभी के लिए चोट्टानिकारा को एक सस्ता गंतव्य बनाते हैं, जो शांति की तलाश में पीठ पर बैग लाद कर यात्रा करते हैं।