यह राष्ट्रीय उद्यान, झारखंड के छोटानागपुर पठार के पश्चिमी भाग में स्थित है जो भारत के सबसे पुराने वन्यजीव उद्यानों में से एक है। यहां की वनस्पतियां और जीव विविधता, बेहद समृद्ध है और यहां के उष्णकटिबंधीय जंगल, पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण है। यह भारत के नौ टाइगर रिजर्व में से एक है जो प्रोजेक्ट टाइगर के तहत आते है।
मानसून के दौरान यहां आमतौर पर हाथियों के झुंड देखने को मिलते है। कई जानवर जैसे - पैंथर, सांभर, नील, काकर, माउस डीयर, स्लोथ बीयर, वाइल्ड बियर आदि यहां पाएं जाते है। यहां मोर को भी देखा सकता है। यहां दो नदियां कोयल और बुरहा भी बहती है जो इस घने जंगल के इलाकों से कलकल करती बहती है।
16 वीं सदी में यहां बेल्टा किला और अन्य ऐतिहासिक स्मारक भी बनवाएं गए थे, जो पार्क के भीतरी हिस्से में स्थित है। यहां साल भर कई पर्यटक सैर के लिए आते है। फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए यह जगह सबसे अच्छी है जहां प्रकृति के हर रंग को कैमरे में समेटा जा सकता है। इस अभयारण्य के अंदरूनी भाग में सफारी और जीप भी यात्रा के लिए उपलब्ध है। यहां कई पर्यटक बंगले और होटल स्थित है।