पलामू टाइगर रिजर्व, झारखंड का इकलौता टाइगर रिजर्व है। इसे भारत की मूल नौ टाइगर रिजर्व के रूप में जाना जाता है। यह रिजर्व, लगभग 1,014 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका कोर क्षेत्र, 414 वर्ग किमी. है और इसका बफर क्षेत्र 600 वर्ग किमी. के आसपास है।
इस क्षेत्र में कुछ जंगल भी है जिनमें से रमनदाग, लट्टु और कुजुरूम प्रमुख है। इस रिजर्व को 1973 में स्थापित किया गया था। हालांकि, यहां बाघों की संख्या कम है। 2012 में, इस रिजर्व में सिर्फ नर टाइगर ही पाएं जाते थे और मात्र 5 मादा टाइगर थी।
पलामू टाइगर रिजर्व को 1947 में वन अधिनियम के तहत एक आरक्षित वन घोषित कर दिया गया था। इससे पहले यह एक बाघ अभयारण्य था। टाइगर्स के अलावा, पर्यटक यहां आकर हाथी, लियोपार्ड, गौर, सांभर और जंगली कुत्ता भी देख सकते है। इस जंगल में सुंदर झरने, पहाड़ी ढ़लान, पर्णपाती घास आदि क्षेत्र है जहां पर्यटक सैर के लिए जा सकते है। यहां के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में तुरूह, हुलुक, गुलगुल और नेटारहट शामिल है।