पठानकोट से केवल 21 कि.मी दूर स्थित मुक्तेश्वर मंदिर को, पंजाब के पवित्रतम स्थानों में से एक माना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इस में एक सफेद संगमरमर का शिवलिंग है जिस पर तांबे की योनि है। इस मंदिर में अन्य देवी देवता जैसे भगवान विष्णु, देवी पार्वती और भगवान गणेश की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
माना जाता है कि पांड़व अपने अग्यातवास (निर्वासित) काल दौरान इन गुफाओं में ठहरे थे और भगवान शिव का सम्मान तथा उनकी पूजा करने के लिए इस मंदिर का निर्माण किया। रावी नदी और पर्वतें मंदिर की पृष्ठभूमि के रुप में हैं। मुक्तेश्वर मंदिर को मुकेस्रण मंदिर के रुप में भी जाना जाता है।
प्रसिद्ध मुकेस्रण दा मेल हर साल अप्रैल के महीने में बैसाखी के दिन मनाया जाता है। यह मंदिर इस मेले पर और शिवरात्रि के दिन केवल इस राज्य के ही नहीं बल्कि जम्मू और कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश के यात्रियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। रावी नदी का बायां किनारा पंजाब राज्य के अंतर्गत आता है और दायां किनारा जम्मू और कश्मीर राज्य के अंतर्गत आता है जो पर्यटकों के लिए एक आकर्षक बिशेषता है।