पहलगाम एक काफी माना जाना पर्यटक स्थल है जो जम्मू और कश्मीर राज्य के अनंतनाग जिले में स्थित है। इस गांव का इतिहास वापस हमें मध्ययुगीन काल की ओर ले जाता है , मुगलों के शासनकाल के दौरान, ये केवल चरवाहों का गाँव था। आज हम यहाँ के भोजन, कपड़े, और स्थानीय लोगों की जीवन शैली में इस जगह की समृद्ध संस्कृति की झलक पा सकते हैं। हिन्दी के अलावा, इस क्षेत्र में बोली जाने वाली अन्य भाषाओं में उर्दू, कश्मीरी, और अंग्रेजी शामिल हैं।
यहाँ की प्रकृति
जम्मू-कश्मीर राज्य के चप्पे चप्पे में सुंदरता बसी है। हर कोना हर जगह ऊपर वाले ने बड़ी फुर्सत से बनाई है। कहा जाता है कि इस राज्य में स्थित पहलगाम घूमने के बाद आपका मन और सोच दोनों बदल जाएंगे। शरीर में ऊर्जा और विचारों में दृढ़ता आ जाएगी। पहलगाम, समुद्री स्तर से 2923 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल जाने के लिए पहलगाम पहला पड़ाव है।
युवाओं के लिए कुछ खास है पहलगाम में - युवाओं को पहलगाम जरूर आना चाहिए अगर उन्हे एडवेंचर करना पसंद हो। यहां के बर्फ से ढके पहाड़ो में ट्रैकिंग करने का अनोखा मजा है। दुनिया भर के ट्रैकिंग शौकीन पर्यटक गर्मियों के मौसम में यहां मस्ती करते हुए दिख जाएंगे। हार्स राइडिंग, पहलगाम का दूसरा एडवेंचर गेम है लोगों आपस में शर्त लगाकर घोडों की दौड़ का मजा लेते हैं। इसके अलावा, पहलगाम में गोल्फ और मछली को पकड़ने का शौक भी जोरों पर रहता है। गोल्फ खेलने के लिए यहां प्रॉपर लॉन है जहां गोल्फ सिखाने के पार्ट टाइम प्रोग्राम भी चलते रहते हैं।
प्राकृतिक सुंदरता के कारण फिल्मी हस्तियां अपनी छुट्टियां यहीं बिताना पसंद करते हैं।यहां की संस्कृति विशेष नहीं है पूरे राज्य में अपनाई जाने वाली परम्परा, पहनावा, रिवाज, खान-पान और बोलचाल ही पहलगाम में है। लेकिन यहां सुकून है और मानवीय माहौल से परे एक अध्यात्मिक दुनिया है। आइए जानते है पहलगाम के बारे में कुछ और खास बातें
पहलगाम का मौसम
पहलगाम का मौसम साल भर अच्छा रहता है जिसकारण पर्यटक साल में कभी भी यहां आ सकते हैं। अगर पर्यटक यहाँ जून से अप्रैल के महीने में आते हैं तो उन्हें यहाँ का मौसम सुखद मिलेगा । वहीँ दूसरी तरफ यदि आने वाले पर्यटक अगर बर्फबारी देखने के इच्छुक हैं तो ऐसे लोगों के लिए नवंबर और फरवरी के बीच का समय परफेक्ट है। अगर बात पहलगाम आने के सबसे अच्छे समय की हो तो जुलाई और अगस्त का समय यहाँ की यात्रा के लिए ठीक है साथ ही इस दौरान हजारों तीर्थयात्रियों को अमरनाथ घाटी की यात्रा करते हुए देखा जा सकता है
पहलगाम आने वाले पर्यटक आपनी वापसी के समय यहाँ से स्थानीय हस्तशिल्प कालीन, शॉल, और पारंपरिक पैटर्न में कपड़े आदि खरीद के ले जा सकते हैं।