पांडिचेरी से कि.मी. दूर स्थित ऑरोविले (इसे प्रातःकाल का शहर भी कहते हैं) एक ऐसा शहर है जहाँ विभिन्न राष्ट्रीयताएँ और संस्कृतियाँ मिलती हैं। यह एक ऐसा शहर है जो लगभग 50 विभिन्न देशो के लोगों का घर है और इसे व्यापक रूप से एक वैश्विक शहर माना जाता है। सड़कमार्ग से आसानी से सुलभ, ऑरोविले शहर, सांस्कृतिक सद्भाव और सामुदायिक जीवन का एक प्रतीक है।
’माँ’ नाम से अधिक प्रसिद्ध मीरा अल्फासा द्वारा स्थापितऑरोविले शहर का निर्माण 1968 में श्री अरबिंदो सोसायटी की एक परियोजना के रूप में शुरु किया गया था। इस शहर की स्थापना का आधार एक सार्वभौमिक स्थान बनाने का विचार था जहाँ सभी देशों और संस्कृतियों के पुरुषों और महिलाओं में सद्भाव रह सकता हो तथा जिससे सद्भाव और प्रगति का सपना साकार हो सके।
ऑरोविले शहर में विभिन्न क्षेत्र सम्मिलित हैं जैसे- शांति क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, इंटरनेशनल ज़ोन, सांस्कृतिक क्षेत्र और ग्रीन बेल्ट। इस शहर का मुख्य आकर्षण है मातृमंदिर जो इसकी भव्यता के कारण यात्रियों को अपनी ओर खींचता है। ऑरो बीच भी शहर के पास ही स्थित है जो अपनी खूबसूरती के कारण यात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।