महाभारत के एक पौराणिक चरित्र भीम के नाम पर आधारित भीमबेटका भारत की प्राचीन गुफाओं में से एक है। इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। भीमबेटका गुफाएं एवं चट्टानों से बने आश्रय स्थल मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित हैं। ये चारों ओर से विंध्य पर्वत श्रेणी से घिरे हुए हैं।
यहाँ 600 से भी अधिक गुफाएं हैं जिनमें विभिन्न चित्र हैं। इन चित्रों में प्राचीन व्यक्तियों की दैनिक गतिविधियों को दर्शाया गया है। मनुष्यों के चित्रों के अलावा कई गुफाओं में विभिन्न प्राणियों जैसे कि चीता, कुत्ता, छिपकली, हाथी, भैंस इत्यादि के रंगीन चित्र भी देखने को मिलते हैं।
इन चित्रों को बनाने में प्रयोग किये गये सभी रंग प्राकृतिक हैं। ये सभी रंग वानस्पतिक हैं एवं गुफाओं की भीतरी दीवार पर देखने को मिलते हैं। पहले इसे एक बौद्ध स्थल के रूप में जाना जाता था। एक भारतीय पुरातत्वविद वी. एस. वाकणकर द्वारा किये गए पुरातात्विक सर्वेक्षण के बाद कई और आश्रयों (चट्टानों से बने हुए) की खोज हुई जो प्रागैतिहासिक काल के बताये जाते हैं।
चित्रों की शैली से यह पता चलता है कि ये चित्र काफी लंबी अवधि में बनाए गए हैं। यह समय पेलिओलिथिक युग से मध्यकालीन युग तक का है। भीमबेटका गुफाएं विभिन्न युगों की यात्रा पर ले जाती हैं एवं ये भारत की सांस्कृतिक विरासत की एक राष्ट्रीय संपदा है।