रायसेन मध्यप्रदेश के कई छोटे शहरों में से एक है, परंतु इस स्थान का धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व है। रायसेन, रायसेन जिले में स्थित है। यह प्रशासनिक मुख्यालय है एवं इसका नाम पहाड़ की चोटी पर स्थित रायसेन किले के नाम पर पड़ा है। रायसेन को पहले राजवासिनी या राजसायण के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है शाही निवास।
रायसेन एवं इसके आसपास के पर्यटन स्थल
रायसेन में कई मंदिर एवं पवित्र स्थल हैं। मध्यप्रदेश का यह छोटा सा जिला अपने ऐतिहासिक महत्व के साथ ही धार्मिक एवं राष्ट्रीय एकता के भी जाना जाता है। यहाँ मंदिर एवं मस्जिद एक ही परिसर में स्थित हैं एवं दोनों धर्मों के लोगों द्वारा इन्हें समान रूप से सम्मान दिया जाता है। हज़रत पीर फ़तेहुल्लाह शाह बाबा इसका प्रमाण हैं। इस स्थान का मुख्य आकर्षण रायसेन किला है।
रायसेन – इतिहास से एक मुलाक़ात
रायसेन नगर के प्रत्येक कोने का एक इतिहास है। वर्ष 1200 ईस्वी में रायसेन किला अस्तित्व में आया एवं रायसेन को नाम मिला। पंद्रहवीं शताब्दी तक रायसेन पर कई शासकों ने राज्य किया। परंतु वर्ष 1543 में शेर शाह सूरी ने इसे पूरनमल से जब्त किया और कई वर्षों तक इस पर शासन किया।
हालांकि वर्ष 1760 में भोपाल के तीसरे नवाब फिआज़ मोहम्मद खान ने इसे हासिल किया और तब से यह छोटा सा शहर भोपाल की रियायत का हिस्सा बना। आज़ादी के बाद वर्ष 1956 में रायसेन नए भोपाल राज्य का अभिन्न हिस्सा बन गया जो बाद में 1 नवंबर 1956 में मध्यप्रदेश में विलीन हो गया।
रायसेन भ्रमण का उत्तम समय
अक्टूबर एवं नवंबर महीने में यहाँ का मौसम सुहावना होता है इसलिए यह समय रायसेन घूमने के लिए उपयुक्त है।
रायसेन कैसे पहुंचे
रायसीन रेलमार्ग, वायुमार्ग एवं सडक द्वारा पहुंचा जा सकता है। रायसेन के सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन एवं हवाईअड्डा भोपाल में है।