भोजपुर, बलुआ पत्थर की रिज जो मध्य भारत की विशेषता है, पर स्थित 11 वीं सदी का एक शहर है। यह मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। बेतवा नदी पुनः बनाए गए इस प्राचीन शहर के पास बहती है जो भोजपुर पर्यटन में पुरानी दुनिया के आकर्षण का समावेश करती है। यह शहर, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 28 किलोमीटर की मामूली सी दूरी पर स्थित है।
यहाँ ग्यारहवी शताब्दी की पर्याप्त बुद्धिमत्ता से निर्मित दो बाँधों वाली विस्मयकारी संरचना है, जो बेतवा नदी का रुख मोड़ने और पानी को रोकने के लिए भारी पत्थरों से बनाई गई थी, जिनसे एक झील का निर्माण हुआ था। भोजपुर का यह नाम परमार राजवंश के सबसे शानदार शासक राजा ‘भोज’ के नाम पर रखा गया था। उनके शासनकाल के तहत बिना तराशे हुए बड़े पत्थरों की इमारत बनाने की एक प्राचीन शैली द्वारा (विशाल चिनाई) द्वारा निर्मित यह बांध अवश्य देखे जाने वाले स्थानों में से एक है चाहे आप अचानक पहुँचने वाले पर्यटक हों या फिर वास्तुकला के पुजारी। . भोजपुर और उसके आसपास के पर्यटक स्थल भोजेश्वर मंदिर को पूर्व के सोमनाथ के नाम से भी जाना जाता है जो भारत की उन अद्भुत संरचनाओं वाली इमारतों में से एक है, जिसे एक बार ज़रूर देखा जाना चाहिए। इस प्राचीन शहर के दैत्य जैसे बांधों के अवशेष आपको आश्चर्य में डाल देंगे। ‘अधूरा’ होने का तथ्य ही इस प्राचीन शहर को अनूठी गुणवत्ता प्रदान करता है, उन चट्टानी खदानों में जाना बहुत ही रोमांचकारी होता है जहाँ आप हाथ से तराशे गए पत्थर के मूर्ति शिल्प को देख सकते हैं जो कभी एक पूरे मंदिर या महल का रूप नहीं ले पाए।
हर दूसरे ऐतिहासिक पर्यटन स्थल पर आप प्राचीन शहर के खंडहरों का निरीक्षण कर सकते हैं पर यहाँ वास्तव में वो शहर है जो कभी पूरा ही नहीं किया गया। भोजपुर के पर्यटन स्थलों में एक और आश्चर्य है ‘अधूरा जैन मंदिर’ जो अभी तक पूरा नहीं किया गया। यदि आप शहर से थोड़ा सा बाहर जाने की ज़हमत करते हैं तो भोजपुर से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर ‘भीमबेटका’ स्थित है जो समृद्ध छाया चित्रों के समूह से आपको अपना गुलाम बना लेगी। यह दुनिया में अपनी तरह की विरासतों में से एक है भीमबेटका को, यूनेस्को द्वारा एक विश्व विरासत केंद्र के रूप में पेश किया जाता है। दूसरा दर्शनीय स्थल भीमबेटका से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होशंगाबाद शहर है जो नर्मदा नदी के किनारे बसा हुआ है आप सेठानी घाट और होशंगाबाद किले में पड़ाव डाल सकते हैं, खरीदी और खाना-पीना भोजपुर में कर सकते हैं। जब आप भोजपुर में हों तब वहां के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद लेने से मत चूकें जैसे कबाब, भुट्टे का कीस, मावा बाटी, खोपरापाक और मालपुआ। भोजपुर के प्रतिभाशाली कारीगरों द्वारा बनाई गई दस्तकारी की कुछ कलात्मक यादगार जरूर लेकर आइये। मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड एक विश्वसनीय नाम है जिसने मध्यप्रदेश के गरीब शिल्पकारों की जिंदगी को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भोजपुर कैसे पहुंचें
सभी परिवहन माध्यमों द्वारा भोजपुर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। समीपस्थ रेलवे स्टेशन और एयर पोर्ट भोपाल है। पर्यटक, पर्यटन टैक्सी सेवा और स्थानीय बस सेवाएँ भी ले सकते हैं।