कोटिलिंगेश्वर मंदिर ककिनाड़ा से 45 किमी दूर द्रक्षारमम मंदिर के मंदिर के पास स्थित है। यह राजामुंद्री शहर के पास में ही है। 10 शताब्दी में बना यह मंदिर राजामुंद्री का एक प्रमुख आकर्षण है। यह पूरे साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं। एक मान्यता यह है कि जब भगवान इंद्र को गौतम नाम के एक ज्ञानी ने श्रप दिया था तो उन्होंने इस श्रप से मुक्ति पाने के लिए कोटिलिंगेश्वर मंदिर में शिवलिंग को स्थापित किया था। कहा जाता है कि श्रप से मुक्ति पाने के लिए इंद्र ने 10 लाख नदियों के पानी से शिवलिंग का अभिषेक किया था।