इस म्यूजियम को सर आर्थर कॉटन की याद में बनवाया गया था। वह एक ब्रिटिश इंजीनियर थे, जिन्होंने शुरुआती समय में गोदावरी नदी पर कई निर्माण किए। दावलेश्वर बांध बनाने का श्रेय भी सर आर्थर कॉटन को ही जाता है। उन्होंने भारत में कई वास्तुशिल्पीय निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई और खासकर इंजीनियरिंग के जरिए सिंचाई व्यवस्था को मजबूत बनाया।
उन्हें ‘डेल्टा आर्किटेक’ भी कहा जाता है और उन्होंने इस डर को दूर किया कि गोदारवरी नदी एक दिन शांत पड़ जाएगी। सर आर्थर कॉटन म्यूजियम राज्य का एकमात्र सिविल इंजीनियरिंग म्यूजियम है। यहां सर आर्थर कॉटन और बांध निर्माण से जुड़े कुछ दुर्लभ फोटोग्राफ रखे गए हैं।
इस बांध को बनाने में जिस उपकरण का इस्तेमाल किया गया था, उसे आज भी देखा जा सकता है।