श्री गौतामी ग्रंधालयम एक विशाल पुस्तकालय है, जिसे वासुराय ग्रंधालयम और रत्नाकवि ग्रंधालयम को मिलाकर बनाया गया है। वासुराय ग्रंधालयम की स्थापना वासुदेव सुब्बारायडू ने और रत्नाकवि ग्रंधालयम की स्थापना कोक्कोंडा वेंकटरत्नम ने की थी।
श्री गौतामी ग्रंधालयम का नाम 1898 में रखा गया और 1920 में इसका पंजीकरण कराया गया। यह पुस्तकालय किताबों और पांडुलिपियों के विस्तृत संकलन के लिए जाना जाता है। साथ ही यहां कई दुर्लभ किताबों और पांडुलिपियों की मूल प्रति भी रखी गई हैं।
पुस्तकालय में आश्चर्यजनक रूप से 60 हजार से ज्यादा किताबों का संकलन देखा जा सकता है। इनमें अलग-अलग भाषाओं की किताबें भी शामिल हैं। गुरुवार और सार्वजनिक छुट्टी के दिन को छोड़कर यह पुस्तकालय हर दिन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है।