रणकपुर जैन मंदिर को जैनियों के पांच महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में गिना जाता है। अरावली पहाड़ियों के पश्चिमी ओर स्थित यह मंदिर भगवान आदिनाथ जी को समर्पित है। हल्के रंग के संगमरमर का बना यह मन्दिर बहुत सुंदर लगता है। किंवदंतियों के अनुसार, एक जैन व्यापारी सेठ धरना शाह और मेवाड़ के शासक राणा खम्भा द्वारा इस मंदिर का निर्माण किया गया था। मन्दिर के मुख्य परिसर चमुखा में कई अन्य जैन मंदिर शामिल हैं।
मंदिर का तहखाना 48,000 वर्ग फुट पर फैला है। उस युग के कारीगरों की स्थापत्य उत्कृष्टता यहाँ के 80 गुंबदों, 29 हॉलों और 1444 खंभों पर दिखती है। खंभों की खास विशेषता यह है कि ये सभी अनोखे हैं। खंभों की नक्काशियाँ एक को दूसरे से अलग करती हैं। पार्शवनाथ और नेमिनाथ के मंदिर मुख्य मंदिर का सामने स्थित हैं। पर्यटक इन मंदिरों की सुंदर नक्काशी को देख सकते हैं जो उन्हें खजुराहो के मूर्तियों की याद दिलाते है।