प्राकृतिक परिवेश, पहाड़ों और नदियों से घिरा राउरकेला एक भव्य शहर है। यह खूबसूरत शहर जनजातीय गढ़ सुंदरगढ़ जिले का हिस्सा है। राज्य की राजधानी भुवनेश्वर से 325 किमी दूर स्थित राउरकेला आधुनिक रहन-सहन के बीच जनजातीय संस्कृति के अस्तित्व का एक बेहतरीन उदाहरण है।
राउरकेला को ओडिशा की व्यवसायिक राजधानी के तौर पर जाना जाता है। औद्योगिक नगरी होने के बावजूद यह प्रकृतिक सुंदरता को अनुभव करने का बेहतरीन विकल्प मुहैया कराता है। यह जगह कई प्राकृतिक और माननिर्मित आकर्षणों के लिए प्रसिद्ध है। राउरकेला स्टील प्लांट के कारण इस शहर को प्रसिद्धि मिली। इसके जरिए 1984 में पहली बार एशिया महादेश में सीसीटीवी आया।
राउरकेला और आसपास के पर्यटन स्थल
पहाड़ी, झील, नदी, पार्क और म्यूजियम सहित राउरकेला में कई घूमने लायक स्थान हैं। यहां के कुछ खास जगहों पर घूमना आपके लिए एक यादगार अनुभव साबित हो सकता है। इन्हीं में से एक है हनुमान वाटिका मंदिर का भव्य परिसर, जहां एशिया की सबसे बड़ी प्रतिमा रखी गई है।
वेदव्यास नामक जगह पर आप निर्मल वातावरण का आनंद ले सकते हैं। प्राकृतिक सुंदरता से ओतप्रोत मंदिरा डेम और पितामहल डेम पूरे साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। राउरकेला पर्यटन के हिस्से में बड़ी संख्या में मंदिर भी हैं। इनमें से घोघर मंदिर, मा वैष्णु देवी मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, मा भगवती मंदिर, गायत्री मंदिर, अहिराबंध मंदिर और रानी सती मंदिर प्रमुख है।
हर मंदिर की वास्तुशिल्पीय बनावट काफी प्रभावशाली है और श्रद्धालुओं के बीच इसका विशेष महत्व है। राउरकेला के खंडाधार वॉटरफॉल की खूबसूरती मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। शहर और आसपास के क्षेत्र में कई पिकनिक स्पॉट भी हैं। ऐसा ही एक स्थान है दरजिन, जहां की प्राकृतिक सुंदर से प्रभावित होकर पूरे साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
ऐसा नहीं है कि राउरकेला सिर्फ अपने प्राकृतिक सौंदर्य और मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां खेल प्रेमियों की दिलचस्पी की भी कई चीजें हैं। प्रसिद्ध बीजू पटनायक हॉकी स्टेडियम की ओर भी पर्यटकों का काफी झुकाव रहता है।
कैसे पहुंचें
सड़क, रेल और हवाई मार्ग से राउरकेला अच्छे से जुड़ा हुआ है।
घूमने का सबसे अच्छा मौसम
नवंबर और दिसंबर में राउरकेला घूमना सबसे अच्छा रहता है। शहर के विभिन्न पर्यटन स्थलों को घूमने के लिए यह एक आदर्श मौसम है।